देर रात खत्म होने वाली थी जूडा की हड़ताल, मानदेय बढ़ाने पर अटका मामला

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प्रदेश के छह मेडिकल कॉलेजों में चल रही जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल शुक्रवार देर रात खत्म होने की पूरी उम्मीद थी। जूनियर डॉक्टरों ने रात 10 बजे से 12 के बीच दो बार बैठक कर हड़ताल खत्म करने का निर्णय ले लिया था। जूडा को यह जानकारी मिली थी की सरकार उनकी मांग मानने को तैयार हो गई है। इसी बीच अधिकारियों ने साफ कर दिया कि किसी भी सूरत में जूडा का मानदेय 17 फीसद से ज्यादा नहीं बढ़ाया जा सकता। बता दें कि जूनियर डॉक्टर मानदेय में 24 फीसद तक की बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं।

इतनी बढ़ोतरी की जाती है तो जूनियर डॉक्टरों का मानदेय नवनियुक्त सहायक प्राध्यापक के बराबर हो जाएगा। इतना ही नहीं है सरकार को सीनियर रेसीडेंट्स का वेतन भी बढ़ाना पड़ेगा।

सेंट्रल जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ अरविंद मीणा का कहना है कि देशभर के डॉक्टरों का समर्थन उन्हें मिला है। सरकार कोई सख्त कदम उठाती है तो हालात बिगड़ सकते हैं। डॉक्टरों के सभी संगठन हड़ताल में शामिल हो सकते हैं।

उधर सभी कॉलेजों के डीन ने अपने अपने यहां के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के पदाधिकारियों को काम पर लौटने की समझाइश दी है। हॉस्टल खाली करने को भी कहा जा रहा है। पदाधिकारियों के माता-पिता को भी फोन कर कहा जा रहा है कि वह अपने बच्चों को समझाएं कि वह आंदोलन खत्म करें।

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