अध्यक्ष पद को लेकर प्रगतिशील कुनबी समाज में लंबे समय से चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है ।जहां अध्यक्ष पद को लेकर अब समाज दो अलग-अलग गुटों में बटता नजर आ रहा है। जहां पिछले लम्बे समय से अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद के बीच 12 मई को समाज के पहले घुट ने एक बैठक का आयोजन कर सर्व सहमति से सुनील खोटेले को अध्यक्ष पद के लिए मनोनीत कर दिया तो वहीं अब संरक्षक मंडल के कुछ सदस्य पूर्व निर्वाचन सदस्य और समाज के अन्य लोग 12 मई को हुए चुनाव की जानकारी नहीं होने का आरोप लगा रहे हैं ।जिन्होंने 12 मई को किए गए मनोनयन को अवैध बताते हुए इसका जमकर विरोध किया है वही आगामी समय में समाज के अध्यक्ष पद का चुनाव या मनोनयन समाज के बीच कराए जाने की बात कही है। यह तमाम जानकारी दूसरे गुट द्वारा रविवार को आयोजित एक पत्रकार वार्ता में दी गई।
दूसरे गुट को बैठक के लिए नहीं मिला भवन, गेट पर लटका रहा ताला
बताया जा रहा है कि लंबे समय से अध्यक्ष पद को लेकर चल रहे विवाद के बीच दूसरे गुट के संरक्षक सहित अन्य ने 14 मई को समाज भवन में बैठक का आयोजन कर चुनाव को लेकर चर्चा करने की बात कही थी। लेकिन इसके पूर्व ही पहले घुट ने गुपचुप तरीके से 12 मई को ही अध्यक्ष पद पर सुनील खोटेले का मनोनयन कर दिया और उसकी घोषणा भी कर दी। जिससे दूसरे गुट के लोग नाराज हैं। बताया जा रहा है कि आज संरक्षक मंडल के सदस्य सहित अन्य ने अध्यक्ष पद के चुनाव को लेकर समाज भवन में एक बैठक का आयोजन किया था ,लेकिन पहले गुट ने समाज भवन और गेट पर ताला लगा दिया ।वही उनके पदाधिकारियों ने दूसरे गुट के लोगों को बैठक के लिए लिए गेट की चाबी भी नहीं दी ।जिसके चलते दूसरे ग्रुप के सामाजिक बंधुओ ने सड़क किनारे झाड़ के नीचे बैठक कर समाज के सभी लोगों के साथ आगामी समय में अध्यक्ष पद का चुनाव या मनोनयन प्रक्रिया कराए जाने की बात कही है।
क्या है पूरा मामला
प्रगतिशील कुनबी समाज के दूसरे गुट द्वारा बताया जा रहा है कि 6 दिसंबर 2015 को प्रगतिशील कुनबी समाज के अध्यक्ष सहित अन्य कार्यकारिणी की घोषणा की गई थी। उस समय दिवाकर सिंह को अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद से चुनाव नहीं हुए थे। जिस पर 27 दिसंबर को अध्यक्ष पद का चुनाव या मनोनयन करने के लिए बैठक बुलाई गई थी। लेकिन चुनाव नहीं हो सका। फिर 26 मार्च को अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए बैठक बुलाई गई बैठक में भी किसी का मनोनयन नहीं हो सका। फिर 2 अप्रैल को बैठक बुलाई गई उसमें 6 लोगों ने अध्यक्ष पद की दावेदारी पेश करते हुए अपना नामांकन भराम जिस पर चुनाव समिति के 5 पदाधिकारियों ने सभी 6 प्रत्याशी उम्मीदवारों के साथ बंद कमरे में बैठक ली। जहां समझाइश के बाद 4 प्रत्याशियों ने अपना नामांकन वापस ले लिया ।जिस पर दो प्रत्याशियों के बीच चुनाव होना था ।जहां अध्यक्ष पद के दावेदार विशाल खोगले को ज्यादातर लोगों ने समर्थन दिया था जिस पर चुनाव समिति द्वारा विशाल खोंगले को अध्यक्ष और सुनील खोटेले के नाम की घोषणा उपाध्यक्ष पद के लिए कर दी गई थीम बाद में विवाद व दबाव के चलते समिति ने चुनाव प्रक्रिया को स्थगित कर दिया था ।बताया जा रहा है कि बायलॉज के नियम के मुताबिक यदि चुनाव में किसी प्रकार का विवाद उत्पन्न होता है या चुनाव नहीं हो पाते तो संरक्षक समिति के सदस्य समिति को अपने हाथ में लेकर उसका कार्य करते हैं और आगामी चुनाव तक समिति संभालते हैं। जिस पर संरक्षक समिति के सदस्यों ने 14 मई को चुनाव को लेकर प्रगतिशील कुनबी समाज भवन में एक बैठक बुलाई थी लेकिन आज की बैठक के पूर्व ही पहले घुट ने 12 मई को ही गुप्त तरीके से बैठक बुलाकर खुद ही अध्यक्ष पद पर सुनील खोटेले को मनोनीत कर दिया और और उसकी घोषणा भी कर दी। जबकि उस बैठक में समाज के सभी लोगों को बुलाया ही नहीं गया था। आज जब समाज का दूसरा गुट चुनाव पर चर्चा करने के लिए बैठक करने पहुंचा तो समाज भवन और गेट पर ताला लगा हुआ था जिस पर दूसरे गुट के पदाधिकारियों ने सड़क के किनारे बैठ कर बैठक की और अपनी नाराजगी का खुलकर इजहार किया। जिन्होंने आगामी समय में समाज संगठन का चुनाव कर अध्यक्ष पद का मनोनयन किए जाने की बात कही है। कुल मिलाकर कहा जाए तो प्रगतिशील कुनबी समाज दो गुटों में बट गया है जिस जहां अध्यक्ष पद को लेकर दोनों गुटों के बीच आपसी विवाद देखा जा रहा है ।