दो झटके और एक किरदार जिसने बदल दी सियासी चाल, जानें राजनीति में ज्योतिरादित्य सिंधिया का सबसे बड़ा मास्टरस्ट्रोक

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भोपाल: मध्य प्रदेश की सियासत में ग्वालियर रियासत का खास दबदबा रहा है। राजनीतिक पार्टी कोई भी हो इस परिवार के सदस्य का सियासी कूतबा अलग ही रहा है। एमपी की सियासत के ‘महाराज’ कहे जाने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया का आज जन्मदिन है। उनका जन्म मुंबई में 1 जनवरी, 1971 को हुआ था। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से अपनी सियासत शुरू की थी और मौजूदा समय में वह पीएम मोदी की कैबिनेट में दूरसंचार विभाग के मंत्री हैं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के पिता माधवराव सिंधिया कांग्रेस में थे तो उनकी दादी राजमाता विजयाराजे सिंधिया बीजेपी की संस्थापक सदस्य थीं। ज्योतिरादित्य सिंधिया के राजनीतिक जीवन में दो ऐसे झटके लगे जिसके बाद मध्य प्रदेश की राजनीति बदल गई।

कौन से हैं दो झटके

ज्योतिरादित्य सिंधिया अपने पिता माधवराव सिंधिया के निधन के बाद राजनीति में आए थे। पहली बार वह गुना-शिवपुरी संसदीय सीट से कांग्रेस के टिकट पर उपचुनाव जीतकर संसद पहुंचे। ज्योतिरादित्य सिंधिया को मध्य प्रदेश कांग्रेस का भविष्य बताया जाता था। मध्य प्रदेश में 2018 के विधानसभा चुनाव ज्योतिरादित्य सिंधिया के नेतृत्व हुए। कांग्रेस ने 15 सालों के बाद सत्ता में वापसी की। इस दौरन माना जा रहा था कि ज्योतिरादित्य सिंधिया मध्य प्रदेश के सीएम बनेंगे लेकिन कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने ज्योतिरादित्य सिंधिया की जगह कमलनाथ को राज्य का मुख्यमंत्री बना दिया। यह सिंधिया की सियासी में पहला बड़ा झटका था जब वह मुख्यमंत्री बनने से चूक गए।

2019 में लगा सबसे बड़ा झटका

कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस के कई सीनियर नेताओं के बीच दूरी बढ़ने लगी थी। ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस ने 2019 में गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट से टिकट दिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया इस सीट से चुनाव हार गए। सिंधिया परिवार के किसी भी सदस्य की इस सीट से यह पहली हार थी। यह हार ज्योतिरादित्य सिंधिया के सियासी जीवन का दूसरा सबसे बड़ा झटका था।

ज्योतिरादित्य सिंधिया ने बदल दी सियासत

2019 में गुना-शिवपुरी लोकसभा सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया की हार के बाद उनके राज्यसभा भेज जाने की अटकलें लगने लगीं लेकिन कांग्रेस ने पहली प्राथमिकता दी। कांग्रेस के फैसले के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस नेताओं से दूरी बनानी शुरू कर दी। इसके बाद मार्च 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने राजनीतिक जीवन का सबसे बड़ा फैसला लिया। ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी में शामिल हो गए।

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