धड़ल्ले से बन रहे हैं फर्जी आधार कार्ड

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भारत में फर्जीवाड़ा करना बहुत आसान है। सही काम कराना बहुत मुश्किल है। सरकार फर्जीवाड़े को समाप्त करने के लिए नए-नए तरीके इजाद करती है।फर्जीवाड़ा करने वाले उसकी तोड़ निकाल लेते हैं। पहले की तुलना में और ज्यादा फर्जीवाड़ा होने लगता है।
सरकार ने पिछले 10 वर्षों में आधार कार्ड को सबसे ज्यादा प्राथमिकता दी है। सरकार की हर योजना और प्रत्येक कार्यवाही में आधार अनिवार्य कर दिया गया है। वही आधार कार्ड जब बड़ी संख्या में फर्जी बन रहे हैं। तब सोच सकते हैं कि सरकार की कथनी और करनी में कितना बड़ा अंतर है।
2100 फर्जी आधार कार्ड
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वार्ड क्रमांक 39 के ऐशबाग इलाके में संचालित आधार कार्ड सेंटर में फर्जी आधार कार्ड फर्जी हस्ताक्षर और फर्जी दस्तावेज के आधार पर बने हैं। शिकायत मिलने पर जांच की गई, जो सही निकली। जांच में पता चला कि केवल एक आधार सेंटर से पिछले 6 माह में 2100 से ज्यादा फर्जी आधार कार्ड बना दिए गए। दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षर में पाए गए।
जिला प्रशासन की गवर्नेंस शाखा ने वार्ड 85 में एक आधार सेंटर बनाया था। लेकिन यह रायसेन जिले के मंडीदीप में संचालित हो रहा था। इस सेंटर ने पिछले डेढ़ साल में करीब 7000 से अधिक आधार कार्ड बनाए हैं। आधार सेंटर भोपाल का था। रायसेन जिले के मंडीदीप मैं संचालित हो रहा था।
भोपाल में 250 आधार सेंटर
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में 250 आधार सेंटर संचालित हो रहे हैं। इनमें से 54 सेंटर स्टेट रजिस्टार मध्य प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स डेवलपमेंट कारपोरेशन संचालित कर रहा है। बाकी के सेंटर अन्य द्वारा संचालित हैं। शिकायत मिलने पर जिला प्रशासन ने जांच शुरू कर दी है। लेकिन अभी तक इसकी रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। आधार कार्ड बनने में हो रहे फर्जीवाड़े की शिकायत पर जब आईडी ब्लॉक कर जांच की गई।तब फर्जीवाड़े की कलाई खुलना शुरू हुई।
10 साल पुराने आधार कार्ड
10 साल पुराने आधार कार्ड को फिर से सत्यापित कर नए कार्ड बनाने की अनिवार्यता कर दी गई है।जिसके चलते आधार कार्ड सेंटर में भारी भीड़ लगने लगी है। जिस तरह की गड़बड़ी अभी देखने को मिल रही है। उसके बाद तो आधार कार्ड का भगवान ही मालिक है। 10 वर्ष पहले जो कार्ड बनाए गए थे। उसमें सभी मापदंड का कड़ाई से पालन किया गया था। लेकिन अब क्या होगा इसको लेकर लोगों में नई चिंता देखने को मिलने लगी है।

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