धरती के पास से गुजरा विशाल उल्का पिंड, बुर्ज खलीफा से दोगुना है साइज

0

खगोलीय घटनाओं के प्रति इंसान हमेशा ही आकर्षित होता रहा है और धरती से आसपास ऐसी खगोलीय घटनाएं होती रहती है, जिसके ऊपर खगोल वैज्ञानिक लगातार निगाह रखते हैं। आज धरती के पास एक विशाल उल्का पिंड गुजरा, जो खगोल वैज्ञानिकों के लिए आकर्षण का केंद्र था। खगोल वैज्ञानिकों के मुताबिक यह Asteroid धरती से करीब 1,23,000 मील की दूरी से गुजरा। इस Asteroid 7482 को ‘1994 पीसी1’ नाम दिया गया था। यह Asteroid लगभग 1.6 किमी चौड़ा है।Asteroid की गति 20 से 25 किमी प्रति सेकंडयह उल्का पिंड धरती से करीब 1,23,000 मील की दूरी से गुजरा, जिसे खगोल विज्ञान में काफी छोटी दूरी माना जाता है। इस Asteroid की गति 20-25 किलोमीटर प्रति सेकंड से भी अधिक होती है, जिसका अर्थ है कि अगर इसकी गति और कक्षा में थोड़ा सा भी परिवर्तन होता है, तो यह पृथ्वी पर भारी तबाही ला सकता है।

1.6 किमी चौड़ा है क्षुद्रग्रहनासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक स्टेरॉयड का नाम 7482 है जिसे 1994 PCI (1994 PC1) के नाम से जाना जाता है। Asteroid की चौड़ाई 1.6 किमी है। इसका मतलब यह है कि यह Asteroid बुर्ज खलीफा से दोगुना चौड़ा है। इसकी तीव्रता और पृथ्वी के सापेक्ष निकटता के कारण नासा ने इसे संभावित खतरों की सूची में रखा है।

इस आधार पर तय होता है खतरागौरतलब है कि यदि स्टेरॉयड का आकार 140 मीटर से अधिक है तो नासा इसे संभावित खतरों की सूची में रखता है। भले ही Asteroid सूर्य के चारों ओर अपनी धुरी से पृथ्वी की कक्षा के 4.6 मिलियन मील के भीतर आता है, फिर भी इसे एक संभावित खतरा माना जाता है। इसे पृथ्वी के पास की वस्तु भी माना जाता है। नासा के मुताबिक अगर इतने बड़े आकार का कोई क्षुद्रग्रह पृथ्वी से टकराता है तो यह पृथ्वी पर बड़ी तबाही मचा सकता है। इसलिए नासा ऐसे क्षुद्रग्रह को संभावित खतरों की सूची में डालता है, लेकिन नासा ने जानकारी दी है कि यह Asteroid पृथ्वी से 1.2 मिलियन मील की दूरी से सुरक्षित गुजरेगा। इससे धरती को कोई नुकसान नहीं होगा।

जानें क्या होते हैं Asteroidक्षुद्रग्रहों को उल्कापिंड या Asteroid कहा जाता है। ग्रह के निर्माण के समय उसमें से चट्टान के छोटे-छोटे टुकड़े निकले और ये टुकड़े सूर्य की परिक्रमा करने लगे। कभी-कभी Asteroid अपना रास्ता बदल लेते हैं और अपनी कक्षा से बाहर आ जाते हैं। आमतौर पर छोटे क्षुद्रग्रह ग्रहों की कक्षा में आते ही जल कर राख हो जाते हैं, लेकिन बड़े क्षुद्रग्रह कभी-कभी ग्रहों से टकराते हैं। क्षुद्रग्रह कई बार पृथ्वी से टकरा चुके हैं। नासा पृथ्वी के चारों ओर 140 मीटर या उससे बड़े क्षुद्रग्रहों को ट्रैक करता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here