अमेरिकी स्पेस एजेंसी नासा ने एक विशाल एस्टेरॉयड को लेकर अलर्ट जारी किया है। यह एस्टेरॉयड 2011 MW1 है जो 380 फुट का एक विशाल एस्टेरॉयड है। खतरनाक गति से यह पृथ्वी की ओर बढ़ रहा है। हमारे ग्रह के करीब से गुजरने वाले अक्सर छोटे एस्टेरॉयड के विपरीत यह आकार में किसी विशाल इमारत की तरह है। यही कारण है कि यह हमारे लिए चिंता की बात है। उल्कापिंड के पृथ्वी से टकराने पर एक बड़ी तबाही आ सकती है। यह एस्टेरॉयड वर्तमान में 28,946 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यात्रा कर रहा है।
सेंटर फॉर नियर अर्थ ऑब्जेक्ट स्टडीज (CNEOS) के आंकड़ों के मुताबिक एस्टेरॉयड 28,946 किमी प्रति घंटे की स्पीड से हमारे ग्रह की ओर बढ़ रहा है। जब यह धरती के करीब होगा तब इसकी दूरी 71 लाख किमी होगी। नासा की जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी के मुताबिक यह 25 जुलाई को धरती के सबसे करीब से गुजरेगा। खगोलीय दृष्टि से यह दूरी बहुत ज्यादा नहीं है। अगर यह अपनी ट्रैजेक्टरी से भटक जाता है तो पृथ्वी के लिए विनाशकारी परिणाम हो सकते हैं।
क्या धरती के लिए है खतरा?
धरती के करीब होने के बावजूद नासा ने कहा है कि घबराने की कोई जरूरत नहीं है। स्पेस एजेंसी एस्टेरॉयड की ट्रैजेक्टरी पर सावधानीपूर्वक नजर रख रही है। स्पेस एजेंसी ने कहा कि यह पृथ्वी के लिए खतरा पैदा किए बिना सुरक्षित दूरी से गुजर जाएगा। यही कारण है कि इस एस्टेरॉयड को खतरनाक की श्रेणी में नहीं रखा गया है। हालांकि हमारे ग्रह की ओर इतने बड़े एस्टेरॉयड की उपस्थिति धरती के करीब की वस्तुओं को लेकर चिंता बढ़ाती है।
इस उल्कापिंड का इंतजार कर रहे वैज्ञानिक
साल 2029 में हमारे धरती के करीब से एक उल्कापिंड गुजरने वाला है, जिसका आकार आइफिल टावर के बराबर होगा। वैज्ञानिकों की इस उल्कापिंड में बेहद ज्यादा दिलचस्पी है। यही कारण है कि जब यह धरती के बेहद करीब से गुजरेगा तब वैज्ञानिक 99942 एपोफिस की जांच करेंगे। यूरोपीय स्पेस एजेंसी ने रैपिड एपोफिस मिशन फॉर सिक्योरिटी एंड सेफ्टी (Ramses) के लिए फंडिग की घोषणा की है। इसमें एस्टेरॉयड के आकार, आकृति, द्रव्यमान और उसके घूमने के तरीके के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए स्पेसक्राफ्ट भेजा जाएगा।