संजीवनी नगर में रहने वाले अमित खम्परिया काे धोखाधड़ी के मामले में गिरफ्तार करने के बाद शुक्रवार को मदनमहल पुलिस ने जुलूस निकाला। घंटाघर से जिला न्यायालय तक अमित खम्परिया को पैदल घुमाया गया। अमित पर आरोप है कि उसने सचिन गुप्ता नामक युवक से टोल-नाके में पार्टनरशिप दिलाने के नाम पर करीब सवा करोड़ रुपये लिये थे।
सचिन गुप्ता ने इसकी शिकायत मदनमहल थाने में दर्ज कराई थी। जिस पर तत्काल संज्ञान लेते हुए मदनमहल पुलिस ने गुरुवार की रात में ही अमित को हिरासत में ले लिया था। सचिन का आरोप रहा कि अमित ने करीब साढ़े तीन साल पहले उसे टोल-प्लाजा में साझेदारी दिलवाने के नाम पर सवा करोड़ रुपये लिए थे। इसके बाद उसने टोल-प्लाजा में साझेदार तो नहीं बनवाया, उलटा उसकी रकम पर ही कुंडली मार कर बैठ गया। बार-बार मांगने के बाद उसने किसी तरह 78 लाख रुपये वापस कर दिए, लेकिन शेष 48 लाख के लिए वो आनाकानी करने लगा। फलस्वरूप सचिन को उसके खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखवाना पड़ी।
पिछले कुछ समय के दौरान अमित का नाम तेजी से अपराध जगत में उछला है, लिहाजा पुलिस ने आम आदमी के सामने उसकी हेकड़ी निकालने जुलूस निकालकर उसे कोर्ट के सामने पेश किया। कोर्ट से उसे जेल भेज दिया गया।
जुलूस कम दिखावा ज्यादा : पुलिस ने आरोपित का 100 मीटर से भी कम दूरी के लिए जुलूस निकाला। वह भी इतना तेजी से कि चंद मिनटों में ही उसे कोर्ट परिसर के भीतर भी कर लिया जाए और जुलूस निकालने की औपचारिकता भी पूरी हो जाए।
यहां बाउंसर का क्या काम : जिस समय अमित का जुलूस निकाला जा रहा था, उसके साथ दो बाउंसर भी मौजूद रहे। वो बाउंसर मीडिया की नजरों से उसको बचाए रखने का लगातार प्रयास करते रहे। उसे इस तरह से घेर कर चल रहे थे, कि कोई उसकी फोटो न ले सके। कुछ मीडिया वालों से उन बाउंसरों की कहासुनी भी हुई। इसी तरह से एक फोटोग्राफर को अमित खंपरिया ने कहा कि ‘तसल्ली हो गई हो तो अब बस करो।’
मंडला काेर्ट से दोषी करार : अमित खम्परिया को धाेखाधड़ी के एक मामले में मंडला कोर्ट से पहले ही पांच साल की सजा सुनाई जा चुकी है। इस मामले में वो फिलहाल जमानत पर है। इस बीच धोखाधड़ी की नई शिकायत ने उसे फिर जेल पहुंचा दिया।