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बालाघाट(पदमेश न्यूज़)।एक ओर शासन प्रशासन द्वारा “घर-घर नल”- “घर घर जल” का वादा कर नगरी क्षेत्र के लोगों को 24 घंटे पेयजल उपलब्ध कराए जाने का दावा किया जा रहा है। तो वहीं दूसरी ओर बालाघाट नगर पालिका, नगरी क्षेत्र के कुछ हिस्सो में ढग से एक वक्त का शुद्ध पानी भी उपलब्ध नहीं करा पा रही है।वही नगरी क्षेत्र के कुछ लोग पिछले 8-10 दिनों से बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं।कहने का तो नगर पालिका में दो-दो नल योजना संचालित है लेकिन करोड़ों रुपए की दोनों नल जल योजना भी पर्याप्त और शुद्ध पानी की पूर्ति नहीं कर पा रही है और लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है।ताजा मामला नगर के वार्ड नं 24 इंदिरा नगर का है।जहा करीब 10 दिनों से फूटी पाइप लाइन को अब तक दुरुस्त नही किया गया है।जिसके चलते स्थानीय वार्डवासी बूंद बूंद नल के जल को तरस रहे है। तो वही उन्हें बस्ती में एक मात्र पुराने हैंडपंप से अपनी प्यास बुझानी पड़ रही है।वही जिन मोहल्लों व गलियों में हैडपम्प,कुआ व बोलवेल के इंतेजाम नही है।उन्हें नपा द्वारा एक दो दिन के अंतराल में पानी टैंकर से पानी की सप्लाई की जा रही है।जिससे भी वार्डवासियों की पूर्ती नही हो रही है।जिसपर अपना आक्रोश जताते हुए वार्डवासियों ने जल्द जल्द फूटी पाइपलाइन को दुरुस्त कर, उन्हें रोजाना नल से पानी सप्लाई किए जाने की मांग की है।वही मांग पूरी ना होने पर उन्होंने नपा का घेराव कर,नपा कार्यालय में मटकी फोड़ आंदोलन किए जाने की चेतावनी है।
हैंडपंप के भरोसे बुझानी पड़ रही प्यास
बताया जा रहा है कि नपा द्वारा वार्ड के लगभग सभी घरों में नए पाइपलाइन के कनेक्शन दिए गए है। जहा पहले रोजाना पानी मिलता था।लेकिन कुछ दिन पूर्व नपा प्रशासन द्वारा मोती तालाब की पर के किनारे फेंसिंग जाली लगाने का कार्य शुरू किया गया था इस कार्य के दौरान वहां पर बिछाई गई पाइपलाइन जगह-जगह से फूट गई जिसके चलते वार्ड के कई हिस्सों में पानी की सप्लाई ढप हो गई। जिसके चलते पिछले 10-12 दिनों से वार्डवासियों को नल से जल की सप्लाई नहीं हो रही है और उन्हें बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है।जिसके चलते कई वार्ड वासी किसी दूसरे के घर से पानी लाने को मजबूर हैं तो वहीं कई लोगों को कुएं और बोरिंग के भरोसे पानी की आपूर्ति करनी पड़ रही है। वही ज्यादातर वार्डवासी पीने के पानी के लिए हैंडपम्प के भरोसे है।जिसपर अपनी नाराजगी जताते हुए वार्ड वासियों ने उन्हें पर्याप्त मात्रा मे पानी की सप्लाई किए जाने की मांग की है। जिन्होंने मांग पूरी ना होने पर नपा का घेराव कर मटकी फोड़ आंदोलन की की चेतावनी दी है।
जब मेंटनेंस नही हो रहा है तो किस काम की 38 करोड़ की योजना?
कहने का तो नगरपालिका में दो-दो नल योजना संचालित है लेकिन करोड़ों रुपए की दोनों नल जल योजना भी पर्याप्त और शुद्ध पानी की पूर्ति नहीं कर पा रही है और लोगों को पीने के पानी के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। आपको बताए की नगर वासियों को 24 घंटे शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए लगभग 8 वर्ष पूर्व नगर में 38 करोड़ रु की लागत से जल आवर्धन योजना शुरू की गई थी पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष रमेश रंगलानी के कार्यकाल से शुरू हुई यह योजना निवर्तमान नपा अध्यक्ष अनिल धुवारे के कार्यकाल समाप्त होने के 3 वर्ष बीत जाने के बाद भी पूर्ण नहीं हो पाई है। वही नगरपालिका की नई सरकार ने भी अपने लगभग 2 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर लिया है बावजूद इसके भी यह योजना अब भी अधूरी है।शासन ने शहरी क्षेत्र के लोगों को 24 घंटे पानी देने के लिए करोड़ों रुपए तो लगा दिए लेकिन करोड़ों रुपए फूकने के बाद भी योजना सफल नहीं हो पाई है जिसको लेकर लोगों में नाराजगी देखी गई है। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि जब नगर में 38 करोड़ की जल आवर्धन योजना के तहत 24 घंटे पानी सप्लाई करने की सुविधा है तो फिर सभी नगर वासियों को पानी की सप्लाई क्यों नही की जा रही है? वार्ड वासियों को बूंद बूंद पानी के क्यो तरसना पड़ रहा है।सवाल उठता है की जब नपा इसका मेंटनेंस ही नही कर पा रही है तो नगर में संचालित 38 करोड़ रु की जल आवर्धन योजना आखिर किस काम की है। यही सभी सवाल नगर पालिका की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा प्रश्न चिन्ह लगाते हैं।