प्रतिबंध के बावजूद भी नगर के प्रतिष्ठानों में पॉलीथिन का उपयोग धड़ल्ले से किया जा रहा है। वन टाइम यूज़ पॉलिथीन का उपयोग वर्जित होने के बाद देशव्यापी अभियान के तहत नगर में बड़े जोर शोर से जागरूकता कार्यक्रम चलाए जा रहे थे ,परंतु नगर में इन अभियानों का कोई असर नहीं हो रहा है।
नगर पालिका द्वारा लगभग 3 वर्ष पूर्व, 2 अक्टूबर गांधी जयंती के दिन पॉलिथीन मुक्त नगर घोषित करने के लिए रैलियां निकाली गई थी। वहीं लोगों को जागरूक करने के लिए नगर के विभिन्न चौक चौराहों में अनेक कार्यक्रम चलाए गए थे इसके अलावा जगह-जगह बैनर पोस्टर लगाकर लोगों को जागरूक करने का प्रयास किया गया था
वहीं नगर पालिका द्वारा कार्यवाही को लेकर एक टीम भी बनाई गई थी लेकिन उसका असर भी लोगों पर पड़ता नजर नहीं आ रहा है। बात अगर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की करें चाहे नगरपालिका के अमले की या फिर प्रशासनिक अमले की सभी के कार्य महज कागजों और जागरूकता कार्यक्रमों तक सिमट कर रह गए हैं।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया ने बताया कि पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए हमारा अभियान निरंतर चल रहा है नगर को पॉलिथीन मुक्त बनाने के लिए तीन बार पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड की टीम आई थी जिनके साथ हमारे दल ने नगर के विभिन्न स्थानों पर छापामार कार्यवाही कर पॉलिथीन जप्त की थी ।हमने इस अभियान को और गंभीरता से लेने के लिए एक दल का गठन किया है जो प्रतिदिन नगर व नगर के विभिन्न वार्डों में जाकर निरीक्षण करती हैं और पॉलिथीन खरीदने बेचने व उसका उपयोग करने वालों पर कार्यवाही रोजाना की जा रही है आप चाहे तो हमारे रिकॉर्ड का अवलोकन कर सकते हैं।