नगर में 17 जून को परम पूज्य आचार्य श्री 108 विद्यासागर जी महामुनिराज की परम शिष्या आर्यिका रत्न श्री 105 सूत्रमति माताजी ससंघ का मंगल प्रवेश हुआ। जिनकी अगुवाई दिगंबर जैन समाज के द्वारा की गई। प्राप्त जानकारी के अनुसार शनिवार को प्रातः 8 बजे वारासिवनी नगर के परम सौभाग्य से एवम आचार्य गुरुवर विद्यासागर जी महाराज की अनुकम्पा एवम आशीर्वाद से गुरुवर की आज्ञानुवर्ती शिष्या परमपूज्य आर्यिका रत्न 105 श्री सूत्रमती माताजी ससंघ का आगमन हुआ। विदित हो कि अनेक वर्षों के पश्चात नगर में वर्षाकालीन चातुर्मास के लिए 8 आर्यिका माताजी का ससंघ धर्मनगरी वारासिवनी पधारा है। जिनका श्री दिगंबर जैन पँचायत कमेटी के पदाधिकारी सदस्य व समाज के पुरुष महिला मंडल सखी मंडल बहनों का संयम मण्डल सहित नवयुवक मण्डल सभी बच्चे बुजुर्गो ने दुगुने उत्साह और उमंग के साथ आर्यिका ससंघ का नगर आगमन करवाकर मङ्गल चातुर्मास की तैयारिया प्रारम्भ कर दी। ससंघ के नगर प्रवेश के लिये नवयुवक मंडल द्वारा नगर के प्रमुख चौराहों पर स्वागत द्वार लगाये गये संयम मण्डल की बहनों द्वारा सुन्दर रंगोलियाँ बनाई गई। ससंघ की आगवानी शोभायात्रा में अश्व दल बैंड वादक धर्म ध्वज दल कलश लिए महिला मण्डल ने एक सी वेशभूषा में सभी सन्यम मण्डल की बहने व पुरुष वर्ग ने अनुसाशन एवम उत्साह पूर्वक सम्मिलित हुए। ग्रीष्मकाल की तपन को देखते हुए सड़क के किनारे शीतल पथ साधुचर्या हेतु कमेटी द्वारा बनवाया गया है। यह शोभायात्रा श्री दिगंबर जैन मन्दिर पहुंची जहां पर शोभायात्रा का समापन किया गया। जिसके बाद आर्यिका ससंघ ने वारासिवनी के प्राचीन जिनालय और जिनबिम्बों के दर्शन कर हर्ष व्यक्त किया। तत्पश्चात आर्यिका माताजी ने अपने प्रवचनों में सभी से धर्म आराधना करने और गुरुजनों से ज्ञान प्राप्ति की प्यास बनाये रखने के लिये कहा। आर्यिका ससंघ के चातुर्मास के लिये वारासिवनी लालबर्रा बालाघाट सभी जगह की दिगंबर जैन समाज लालायित हैं जहाँ का पुण्य और पुरुषार्थ प्रबल होगा वहाँ के भाग्य उदय होंगे। इस दौरान श्री दिगंबर जैन पंचायत कमेटी के अध्यक्ष सभी मण्डलों के अध्यक्ष तथा सभी पदाधिकारियों ने आर्यिका संघ के श्री चरणों में श्रीफल समर्पित करके चातुर्मास हेतु निवेदन किया एवम वर्षाकाल में धर्म वर्षा की भावना गुरुचरणों में रखी। जिसके बाद श्री मन्दिर जी में प्रतिदिन प्रातः 8 बजे आचार्य श्री की पूजन आर्यिका माताजी के प्रवचन तत्पश्चात आहारचर्या व सांयकाल को आचार्यभक्ति 6 बजे तत्पश्चात पाठशाला के माध्यम से सभी को धर्म लाभ मिलेगा। इस अवसर पर बड़ी संख्या में दिगंबर जैन समाज पदाधिकारी सदस्य सहित गणमान्य नागरिक मौजूद रहे।