किसान अपनी बारिक धान की फसल को बेचने मंडी आ रहा है मगर उसको फसल का उचित दाम नही मिल पा रहा है। किसानों का कहना है की बीते एक सप्ताह पूर्व बारिक धान का दाम स्थानीय कृषि उपज मंडी में लगभग २४ सौ से २५ सौ रूपये तक था जो अब वर्तमान में १९ सौ से २ हजार के बीच हो गया है। हम लोग इसी बात को सोचकर आये थे की धान का उचित मूल्य मिलेगा मगर वो उचित मूल्य व्यपारियों द्वारा नही लगाया जा रहा है।
पता चला की धान का मूल्य २५ सौ रूपये प्रति क्ंिवटल
इस संबंध में किसान महिपाल पंचेश्वर ने पद्मेश को बताया की पहले जब हमने जानकारी उठाई तो पता चला की बारिक धान करीब २५ सौ रूपये के ऊपर स्थानीय धान मंडी में बिक रही है। हमारे द्वारा अपनी बारिक धान फसल को लेकर मंडी बेचने आया गया है मगर उसकी प्रति क्ंिवटल लागत २२ सौ रूपये आंकी गई है। अब हमे मंडी आने के लिये जो परिवहन का भाड़ा लगा है ऐसे में हमें उसे बेचना ही पड़ा है। ऐसे में अब खेती कार्य करने के लिये बहुत सोच विचार करना पड़ेगा।
हम लोग को नही मिल रहा उचित मूल्य – कोमेन्द्र
इसी तरह कोमेन्द्र बसेने ने पद्मेश को बताया की हमे काफी उम्मीद थी की व्यपारीगण हमारी धान का उचित मूल्य देंगे। मगर हमारी बारिक धान फसल मात्र १८५५ रूपये प्रति क्ंिवटल बिकी है। ऐसे में हम कुछ कहने की हालत में नही है।
समर्थन मूल्य से भी कम मिल रहा दाम – श्याम
किसान श्याम प्रसाद बसेने ने पद्मेश को बताया की यह तो समर्थन मूल्य पर बिक रही फसल से भी कम का दाम है। अगर १८ सौ १९ सौ तक प्रति क्ंिवटल धान बिकेगी तो इससे अच्छा है की हम मोटी धान ही अपने खेतों में लगाये। मगर सोसायटीयों में उपज बेचने के बाद भी पैसा हाथ में नही आता। लेकिन मंडी में बेचने से फसल का पैसा हाथ में नकदी के रूप में आ जाता है। हमें रबी फसल के लिये बीज व खाद् लेना है मगर जिस प्रकार का दाम मिल रहा है उससे हम व्यथित है।
अधिकांशता कोचया व्यपारी ला रहे धान – सचिव
इस संबंध में मंडी सचिव धूरनलाल पंचेश्वर ने पद्मेश को बताया की हमारे द्वारा भी व्यपारीगणों को कहां गया है की वे किसानों की बारीक धान का उचित मूल्य पर बोली लगाये ताकी उनको आर्थिक नुकसान न हो। वर्तमान समय में जो धान आ रही है वे कोचया व्यपारियों की है। जो ग्राम ग्राम घूमकर किसानों से धान खरीदी का कार्य कर रहे है। कुछ ही किसान है जो हमारी मंडी में धान लेकर आ रहे है। वही मोटी धान को किसान समर्थन मूल्य पर बेच रहा है।