चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भारत की ओर से आयोजित शंघाई सहयोग संगठन की वर्चुअल शिखर बैठक में सभी सदस्यों के राष्ट्राध्यक्षों के सामने अमेरिका समेत नाटो देशों को घेरने का महाप्लान पेश किया। शी जिनपिंग ने अमेरिका और पश्चिमी देशों से इतर एक नई वैश्विक प्रशासनिक व्यवस्था पर जोर दिया। यह नई व्यवस्था चीन के ग्लोबल डेवलपमेंट एंड सिक्यॉरिटी इनिशिएटिव (GSI और GDI) पर मुख्यत: आधारित होगी। जिनपिंग ने कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि क्षेत्र में सुरक्षा और विकास के हितों की सामूहिक रक्षा की जाए। चीनी राष्ट्रपति ने अपना यह प्लान ऐसे समय पर पेश किया है जब यूक्रेन के साथ रूस का युद्ध चल रहा है। पश्चिमी देशों ने रूस के खिलाफ बेहद कठोर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। चीन ताइवान पर भी इसी तरह के हमले का ख्वाब देख रहा है और अब उसे भी अमेरिकी प्रतिबंधों का डर सता रहा है।
भारत को छोड़कर एससीओ में सारे देश अमेरिका विरोधी हैं। इस वर्चुअल बैठक में ईरान को भी सदस्य का दर्जा मिला गया जो खुलकर अमेरिका का विरोध कर रहा है और बीजिंग के साथ अपने रिश्ते मजबूत कर रहा है। चीनी राष्ट्रपति ने अपने भाषण में जीएसआई का जिक्र करते हुए जोर देकर कहा कि एससीओ के देशों को समस्याओं और सुरक्षा चुनौतियों से निपटने के लिए वैचारिक और टकराव वाले रवैये को छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘हमें अपने इलाके में एक नए शीत युद्ध या खेमा आधारित टकराव के विदेशी प्रयासों के प्रति बहुत ज्यादा सतर्क रहना होगा।’