लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने आरोपी जितेंद्र पिता गणेश लटारे 30 गांव ग्राम पुरवा टोला लांजी निवासी को एक नाबालिक लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में दोषी पाया। विद्वान अदालत ने इस आरोपी को इस मामले में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार यह घटना सन 2015-16 के आसपास की है । जितेंद्र लटारे की पत्नी की छोटी नाबालिक बहन उसके घर कुछ माह के लिए आई थी। इस दौरान जितेंद्र ने इस नाबालिग लड़की के साथ जबरदस्ती बलात्कार किया था। जिससे यह लड़की गर्भवती हो गई थी। लड़की ने गोंदिया के एक अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया था। इस घटना की रिपोर्ट इस लड़की के पिता के द्वारा पुलिस थाना लांजी में की गई थी। लांजी पुलिस ने जितेंद्र लटारे के विरुद्ध इस लड़की के साथ बलात्कार करने के आरोप में अपराध दर्ज किया और इस अपराध में जितेंद्र लटारे को गिरफ्तार करने के बाद विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था। यह प्रकरण लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में चला। जहां अभियोजन पक्ष आरोपी जितेंद्र लटारे के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा ।जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने आरोपी जितेंद्र लटारे को धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और धारा 376(2)एन भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 10 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले में शासन की ओर से पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कपिल डेहरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।