लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत में एक नाबालिक लड़की का अपहरण और उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी अतुल पिता महादेव बांगरे 18 वर्ष ग्राम देवरी रोड आमगांव जिला गोंदिया निवासी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई ।विद्वान अदालत ने यह आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 12 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किए हैं।
अभियोजन के अनुसार लांजी थाना क्षेत्र की रहने वाली इस नाबालिक लड़की परिवार के लोग मजदूरी करती है ।18 अप्रैल 2022 को सुबह 10 बजे यह नाबालिक लड़की स्कूल जाती हूं, कहकर घर से निकली थी। किंतु शाम तक घर वापस नहीं आई। परिजनों द्वारा पता करने पर भी यह लड़की नहीं मिली। 24 अप्रैल 2022 को लांजी थाने में इस लड़की के गुम होने की रिपोर्ट उसके परिवार वालों द्वारा दर्ज कराई गई थी। जिसके बाद लांजी पुलिस द्वारा इस नाबालिक लड़की की लगातार खोजबीन की जा रही थी। इस दौरान 22 अप्रैल 2022 को यह लड़की उसकी सहेली के घर से दस्तयाब की गई। जिसे थाना लाने पर पूछताछ करने पर बताई की आमगांव में उसके परिचित के घर के बाजू में अतुल बांगरे रहता था ।जिससे उसकी जान पहचान हो गई थी और अतुल बांगरे ने उसे आमगांव आने के लिए कहा था। 18 अप्रैल 2022को वह अपनी मां को स्कूल जाती हूं कहकर घर से निकली थी और आमगांव चली गई। अतुल बांगरे ने उसे गोंदिया लेकर गया और गोंदिया से वापस आमगांव लाया और भंते जी के मकान में तीन दिन रहे जहां पर अतुल बांगरे ने उसके साथ शादी का प्रलोभन देकर जबरदस्ती शारीरिक संबंध बनाये। 22 अप्रैल को अतुल बांगरे ने उसे लांजी लाकर छोड़ दिया। जहां से उसे पुलिस ने थाना लाई। लड़की के बयान लेने के बाद लांजी पुलिस थाना में अतुल बांगरे के विरुद्ध धारा3(1)w(i),3(2)v अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम, धारा 363 366 376 भादवि, धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध दर्ज कर इस अपराध में अतुल बांगरे को गिरफ्तार किया गया था। विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया । यह मामला लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश श्रीमती नौशीन खान की अदालत में चला। विद्वान अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष आरोपी अतुल बांगरे के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा । जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी अतुल बांगरे को आरोपित अपराध में दोषी पाया। विद्वान अदालत ने आरोपी अतुल बांगरे को धारा 366 भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष की कठोर कारावास और 1000 अर्थदंड, धारा 3/4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत अपराध में 20 वर्ष की कठोर कारावास और 5000 रुपये अर्थदंड, धारा 3(1)V(i) अनुसूची जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में 2 वर्ष की कठोर कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड, धारा3(2)V अनुसूचित जाति जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 5000 रूपये अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले की पैरवी जिला अभियोजन अधिकारी कमल डहेरिया के मार्गदर्शन में विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।