नाबालिक लड़की को पत्नी की तरह रखकर दुष्कर्म करने वाले आरोपी को 20 वर्ष के सश्रम कारावास

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वारासिवनी न्यायालय की विशेष अदालत लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विद्वान न्यायाधीश शिवलाल केवट ने नाबालिक को पत्नी की तरह रख कर उसके साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी मिलेश गजभिये को 20 वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है। प्राप्त जानकारी के अनुसार नाबालिग पीड़िता कक्षा 10 वीं तक पढ़ी है वह माता-पिता के साथ अपने गांव में रहती थी। 03 मार्च 2018 को आरोपी उसके पड़ोस में वैवाहिक कार्यक्रम में आया था जहाँ नाबालिग पीड़िता भी वहां गयी थी। दोनों के मध्य जान-पहचान हुई आरोपी ने नाबालिग पीड़िता से कहा कि वह उसे प्यार करता है तत्पश्चात दोनों के मध्य मोबाइल से बातचीत होने लगी। लगभग 1 वर्ष के बाद आरोपी उसे फोन से कहा कि वह खैरलांजी रोड में आ जाये उसके कहने पर वह 17 जून 2019 की रात्रि लगभग 11 बजे नाबालिग पीड़िता घर में बिना बताये पैदल खैरलांजी रोड में चली गयी। आरोपी ने उसे शादी करने को बोलकर बस से गोंदिया एवं गोंदिया से चिचगांव देवरी ले गया और मामा के घर किराया से कमरा लेकर रखा दोनों पति-पत्नि की तरह रहने लगे। आरोपी विवाह करने को कहकर उसके साथ लगातार दुराचार करता रहा लगभग 2 महीनें वहीं रहें। उसी समय नाबालिग पीडिता का भाई तथा खैरलांजी पुलिस वहां आकर नाबालिग पीडिता एवं आरोपी को पुलिस थाना खैरलांजी ले आये। जहाँ नाबालिग पीडिता के पिता ने 16 सितंबर 2019 के रात 17 जून 2019 के प्रातः लगभग 4 बजे घर से बिना बताये जाने पर तलाश किये जाने एवं उसके न मिलने पर गुम होने के संबंध में खैरलांजी थाने में जाकर अज्ञात व्यक्ति के विरूद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। उक्त घटना के संबंध में थाना खैरलांजी में अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी के विरूध्द अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। जिसके बाद से उक्त प्रकरण विशेष अदालत लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 में विचाराधीन था जिसमे गवाह साक्ष्य के आधार पर विद्वान न्यायाधीश शिवलाल केवट के द्वारा आरोपी मिलेश पिता महेश गजभिये उम्र 25 वर्ष निवासी कौलीवाडा थाना रामपायली को भादवी की धारा 363 के अंतर्गत 04 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 100 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। धारा 366ए भादवि के अंतर्गत 05 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 100 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। धारा 376 (2)ढ भादवि के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 100 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। धारा- 5 (ठ) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 200 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त अर्थदण्ड न अदा करने की स्थिति में अभियुक्त को 01 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने का आदेश पारित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी शशिकांत पाटिल विशेष लोक अभियोजन अधिकारी वारासिवनी के द्वारा की गई।

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