वारासिवनी न्यायालय की विशेष न्यायाधीश श्रीमति कविता इवनाती लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 की अदालत में नाबालिक के साथ दुराचार करने के आरोपी जितेंद्र सलामे को आजीवन कारावास एवं 1000 रुपए के अर्थदंड से दंडित का सजा सुनाई। प्राप्त जानकारी के अनुसार 14 मार्च 2021 को पीड़ित बालक के पिता ने थाना खैरलांजी में प्रथम सूचना पत्र लेख कराया कि उसकी दो पुत्रियां तथा एक पुत्र है, बड़ी पुत्री की शादी हो चुकी है, दूसरे नंबर की पुत्री पीड़ित बालक है जो कक्षा दसवी उत्तीर्ण करने के बाद कप्यूटर सीखने जाती थी। जो 13 मार्च 2021 के दोपहर 01 बजे पीड़ित बालक अपनी मां को कप्यूटर सीखने का बोलकर निकली स्कूल जाकर हस्ताक्षर कर बैंक में काम होना बताकर निकली व शाम तक घर नहीं आई। शाम को पिता के घर वापस आने पर उसकी पत्नि ने उसे पीड़ित बालक के घर वापस न आने की जानकारी दी। तो आसपास पता करने पर उसका कोई पता नहीं चला, तब उसने पीड़ित बालक को किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा बहलाफुसलाकर अपहरण किए जाने किए जाने की संभावना उसने व्यक्त की। पीड़ित बालक के पिता की रिपोर्ट के आधार पर थाना खैरलांजी में अज्ञात आरोपी के विरूद्ध अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया। उक्त घटना के संबंध में थाना खैरलांजी में अपराध पंजीबद्ध किया गया। आरोपी के विरूध्द अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया। विवेचना के उपरंात अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया। इसके बाद यह प्रकरण वारासिवनी न्यायालय में विचार अधीन था जिसमें पास को एक्ट विशेष न्यायाधीश श्रीमती कविता इनवाती के द्वारा आरोपी जितेन्द्र पिता धरमदास सलामे उम्र 26 वर्ष निवासी ग्राम खैरी तिरोड़ा जिला गोंदिया महाराष्ट्र का अपराध सिद्ध होने पर उसे धारा 376(2)एन भादवि के अंतर्गत आजीवन कारावास की सजा एवं 1000 रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया गया। उक्त अर्थदण्ड न अदा करने की स्थि़त में अभियुक्त को 06 माह का अतिरिक्त कारावास भुगतने का आदेश पारित किया। अभियोजन की ओर से पैरवी श्री शशिकांत पाटिल विशेष लोक अभियोजन अधिकारी वारासिवनी के द्वारा की गई।