नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में संजय को 20 वर्ष के सश्रम कारावास

0

लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश शिवलाल केवट की वारासिवनी कि न्यायालय में एक नाबालिक के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में आरोपी संजय पिता जीवनलाल पंद्रे उम्र 25 वर्ष ग्राम पिपरिया थाना लालबर्रा निवासी को दोषी पाया विद्वान अदालत ने इस आरोपी को को धारा 376 (2)( ढ ) भादवि के अंतर्गत 10 वर्ष के सश्रम कारावास एवं 200 रुपए अर्थदण्ड ,धारा- 5 ( ठ ) ( ञ ) ( ii ) सहपठित धारा 6 पॉक्सो एक्ट के अंतर्गत 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा एवं 200 रुपए अर्थदण्ड से दंडित किये। गया । उक्त अर्थदण्ड न अदा करने की स्थिति में अभियुक्त को 1 1 माह का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतने का आदेश पारित किये है।

सहायक जिला लोक अभियोजन अधिकारी / मीडिया प्रभारी विमल सिंह ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुये बताया नाबालिग पीडिता कक्षा 10 वीं में अनुत्तीर्ण होने के कारण सिलाई का काम सिख रही थी । अभियुक्त संजय उसकी बुआ का पुत्र है । नाबालिग पीड़िता के घर आता जाता था। माह अगस्त 2018 में उसने नाबालिग पीड़िता से विवाह करने को कहा , उसके 2 दिन बाद अभियुक्त संजय के कहने पर नाबालिग पीडिता 17अगस्त 2018 को घर में यह कहकर निकली की वह मित्र के यहां जा रही है। जहां से अभियुक्त संजय नाबालिग पीड़िता को मोटर साइकिल से स्वयं के गांव ले गया , दूसरे दिन अभियुक्त ने सुबह नाबालिग पीड़िता को ट्रेन से गोंदिया और गोंदिया से हैदराबाद ले गया । जहां पर उसे रखा और विवाह करने को कहकर माह अगस्त 2018 से उसके साथ शारीरिक संबंध स्थापित करता रहा । उसी दरम्यान नाबालिग पीड़िता के दो ढाई महीने की गर्भवती होने पर अभियुक्त संजय को बताई और विवाह करने को कहा । नाबालिग पीडिता का स्वास्थ्य खराब होने पर 25 फरवरी 2019 को अभियुक्त संजय उसे घर ग्राम ले आया । जहां पर वह 8-10 दिन रही। वह उसे छोड़कर पुनः हैदराबाद चला गया । 17अगस्त 2018 को नाबालिग पीड़िता के घर से चले जाने और वापस नहीं आने से माता – पिता द्वारा आसपास तलाश किया गया । पता नहीं चलने पर नाबालिग पीड़िता के पिता ने 20अगस्त2018 को आरक्षी केन्द्र लालबर्रा में जाकर अज्ञात व्यक्ति के विरुद्ध रिपोर्ट दर्ज करवाई थी । उक्त घटना के संबंध में अपराध पंजीबध्द कर विवेचना में लिया गया । विवेचना के उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया गया । माननीय न्यायालय ने विचारण उपरांत आरोपी को दोषी पाते हुये उपरोक्त दण्ड से दण्डित किया ।अभियोजन की ओर से पैरवी शशीकांत पाटिल विशेष लोक अभियोजन अधिकारी द्वारा की गई ।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here