एक नाबालिग लडक़ी का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने के आरोप में इस लडक़ी के कलयुगी मामा को आजीवन कारावास की सजा से दंडित किया। यह आरोपी शिवदास उर्फ सुखदास सीता सोमदास उईके 42 वर्ष ग्राम बलमाटोला थाना रावनवाडी जिला गोंदिया निवासी है। जिसे यह सजा वारासिवनी के लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश शिवलाल केवट की अदालत ने सुनाई। विद्वान अदालत ने इस आरोपी को 600 अर्थदंड से भी दंडित किये है। सहायक जिला अभियोजन अधिकारी एवं मीडिया प्रभारी विमल सिह ने घटना के संबंध में जानकारी देते हुए बताया कि माह जुलाई 2018 के अंतिम सप्ताह के रविवार को पीडि़ता के मम्मी पापा गोंदिया गए थे। पीडि़ता अपनी बहन के साथ घर में थी। उसी दिन अभियुक्त शिवदास जो उसका मामा है वह मेहमानी में उनके घर आया था ।रात्रि में पीडि़ता खाना खाकर कमरे में नीचे सोई थी ।रात्रि 12 बजे करीब अभियुक्त शिवदास उसके पास आकर बोला कि वह उसी से शादी करना चाहता है और उसने पीडि़ता के साथ दुष्कर्म किया और घटना की बात किसी को बताने पर जान से खत्म करने की घमकी दी। अभियुक्त शिवदास 2 दिन तक उनके घर में रुका और 2 दिन तक पीडि़ता के साथ बलात्कार करते रहा। तीसरे दिन पीडि़ता के मम्मी पापा आए उनके आने के पहले अभियुक्त शिवदास वहां से चला गया धमकी के कारण पीडि़ता ने घटना की बात किसी को नहीं बताई। 14 जुलाई 2018 को जब पीडि़ता स्कूल से घर वापस आ रही थी तो अभियुक्त शिवदास उसे बहला-फुसलाकर नागपुर ले गया और उसके साथ नागपुर में बलात्कार करता रहा। उक्त घटना के संबंध में थाना वारासिवनी में अपराध पंजीबद्ध किया गया था। विवेचना उपरांत आरोपी शिवदास को इस मामले में गिरफ्तार करने के बाद विवेचना उपरांत अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था या विशेष मामला वारासिवनी के लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम की विशेष न्यायाधीश शिवलाल केवट की अदालत में चला जहां पर अभियोजन पक्ष आरोपी शिव दास उर्फ सुख दास के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत से मामले की समस्त परिस्थितियों को देखते हुए अपने विवेचन निष्कर्ष और उपलब्ध साक्ष्य के आधार पर आरोपी सुखदास उर्फ शिवदास को आरोपित अपराध में दोषी पाते हुए उसे धारा 363 भादवि के अंतर्गत 3 वर्ष के सश्रम कारावास और 100 रुपये अर्थदंड धारा 366ए भादवि के तहत अपराध में 6 वर्ष के सश्रम कारावास और 100 रुपये और धारा 376 (2)(ज)(ढ) भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास एवं 200 रुपए अर्थदंड, धारा5(ठ)(त्र)(द्बद्ब)(थ),6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के तहत आजीवन कारावास और 200 रुपयेअर्थदंड से दंडित किए इस मामले में अभियोजन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक शशिकांत पाटील द्वारा की गई थी।