जिले के भीतर कोरोना हो रही मौत के आंकड़े छुपाने का आरोप लगातार स्वास्थ्य विभाग पर लगाया जा रहा है मृतकों के परिजन लगातार डेथ सर्टिफिकेट के लिए परेशान हो रहे हैं। जिन्हें डेथ सर्टिफिकेट मिल रहे हैं उनके सर्टिफिकेट पर कहीं भी कोरोना से मौत होने का उल्लेख नही है।
इसे देखते हुए जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष शेषराम राहंगडाले ने जबलपुर हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका लगाई है जिसमें न्यायालय के माध्यम से स्वास्थ्य विभाग से यह जानकारी मांगी गई है कि आखिरकार कोरोना काल के दौरान जिले की भीतर कितने लोगों की मौत कोरोना से हुई है।
बालाघाट से दायर की गई जन याचिका पर जबलपुए हाईकोर्ट ने सुनवाई शुरू कर दी है। जहां जबलपुर हाईकोर्ट ने याचिका पर अगली सुनवाई 10 जून को किए जाने को कहा है।
आपको बताए कि प्रदेश सरकार ने कोरोना से मृत होने वालों के स्वजनों के लिए अनुग्रह राशि देने समेत कई सुविधाएं देने की घोषणा की है। वहीं जिला अस्पताल से जारी मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना से मौत होने की जानकारी दर्ज नहीं की जा रही है।
वही प्रदेश हाईकोर्ट में दायर की गई जनहित याचिका को लेकर की गई चर्चा के दौरान जिला कांग्रेस उपाध्यक्ष और याचिकाकर्ता शेषराम राहांगडाले ने बताया कि सरकार कोरोना से हुई मौत के आंकड़े छुपा रही है वही मृतको के स्वजनों के लिए लागू की गई योजना के लाभ से वंचित रखने के लिए मृत्यु प्रमाण पत्र में कोरोना का उल्लेख नहीं किया जा रहा है।
निश्चित ही कोरोना काल के दौरान हुई मौत पर प्रशासन पर्दा डाल रहा है। जिससे मृतकों के परिजनों को विभिन्न योजना का लाभ लेने में बेहद कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है, देखना अब यह है कि आने वाले समय में शासन प्रशासन का इस मामले में क्या रुख रहता है?