पंचायत चुनाव का शंखनाद होने के साथ ही पंचायत स्तर पर प्रतिनिधियों के द्वारा चुनाव की जोर शोर से तैयारियां शुरू कर दी गई है वही वर्ष 2014 के अनुसार पंचायत चुनाव होने हैं ऐसे में पुराने सभी सरपंच चुनावी मैदान में एक बार फिर उतर गए हैं लेकिन चुनाव में जाने से पहले उनके सामने बड़ी समस्या पिछली रिकवरी और सरकारी पैसे को जमा करने की है।
यदि आंकड़ों की बात करें तो मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1933 की धारा 40 एवं 92 के तहत प्रशासनिक तौर पर करीब एक करोड़ 32 लाख की वसूली न्यायालयीन प्रक्रिया से होते हुए की जा चुकी है।
वही न्यायालय के माध्यम से ही ग्राम पंचायत के सरपंचों से एक विधिवत प्रक्रिया के तहत वसूली की जानी है यदि प्रक्रिया की बात करें तो इस अधिनियम के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किए जाते हैं और जिला पंचायत सीईओ जो विहीत पदाधिकारी है उनके कोर्ट में किसी भी पंचायत एजेंसी पर यदि बकाया है।
उसकी विभिन्न चरणों में पेशी होती है और इसके बाद न्यायालय के द्वारा निर्णय लेते हुए संबंधित सरपंच सचिव या पंचायत बाडी से वसूली का कार्य किया जाता है।
जिला पंचायत के वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो न्यायालय के माध्यम से पंचायतों से रिकवरी का कार्य तेजी के साथ किया जा रहा है अब तक कुल 441 प्रकरण प्रकाश में आए थे।
जिनमें से धारा 40 और 92 के तहत 225 प्रकरणों का निराकरण हो चुका है और यह राशि जिला पंचायत निधि में प्राप्त भी हो चुकी है जबकि 116 प्रकरण अभी न्यायालय में विचाराधीन है अधिनियम के तहत यदि किसी पंचायत के सरपंच बकाया राशि होती है, तो उसे अदेय प्रमाण पत्र प्राप्त कब तक नहीं होगा जब तक वह रिकवरी की राशि जमाना करवा दे पंचायत चुनाव के तहत 13 जनवरी से 20 जनवरी के बीच नाम निर्देशन पत्र जमा करने के पूर्व उम्मीदवार को अदेय प्रमाण पत्र जमा करना होगा तभी वह पंचायत चुनाव के लिए पात्र होगा
उप निर्वाचन अधिकारी अपर कलेक्टर शिव गोविंद मरकाम ने बताया कि मध्य प्रदेश पंचायत राज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम 1993 के तहत जो पात्र उम्मीदवार हैं वही चुनाव लड़ पाएंगे।