पटवारी की अनुपस्थिति से जूझ रहा मेहंदीवाड़ा का हल्का नं.३३

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ग्राम पंचायत मेहंदीवाड़ा पटवारी हल्का नं.३३ के पटवारी ने अपनी उपस्थिति इस हल्के में दर्ज नही कराई है। जिसकी वजह से ग्रामीण व किसान काफी परेशान है। एक तरफ किसानो के न तो खसरा नक्सा के कार्य हो रहे है वही दूसरी तरफ स्कूल में पढऩे वाले बच्चो के जाति व आय के प्रमाण पत्र बन पा रहे है। साथ ही धान फसल की गिरदाबली न होने से भी किसान काफी परेशान है। जबकि शासन की और से गिरदाबली किये जाने की अंतिम तिथी १५ अक्टूबर निर्धारित की है जिसका आज अंतिम दिवस है। ग्रामीणो का इस मामले में साफ तौर पर कहना है कि पटवारी ने हमारे ग्राम में ४ माह से कदम नही रखा है। ऐसे में हम ग्रामीण काफी मुश्किल में है। अब हमारी फसल पक चुकी है। मगर गिरदाबली न होने के कारण हम यह फसल को समर्थन मूल्य पर नही बेच पायेंगे। जिससे हमे काफी आर्थिक नुकसान होगा। हमारे द्वारा इस बात की बकायदा शिकायत तहसीलदार, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व को भी दी गई है। साथ ही यह मांग की गई है कि अगर पटवारी हमारे हल्के में नही आ रहा है तो उसकी जगह दूसरे पटवारी की नियुक्ति की जाये। मगर ऐसा नही हो पाया है।
हल्का नं.३३ में की जाये दूसरे पटवारी की नियुक्ति – सुजित डेकाटे
इस संबंध में पद्मेश को जानकारी देते हुये किसान सुजीत डेकाटे ने बताया कि ४ माह हो गये हमने पटवारी के दर्शन नही किये है। हमारी फसल जो पकने की कगार पर है उसकी गिरदाबली तक नही हुई है। इस संबंध में हमारे द्वारा तहसीलदार, एसडीएम, कलेक्टर को तक शिकायत की जा चुकी है। मगर पटवारी साहब हमारे हल्का नं.३३ में नही पहुॅचे है। ऐसे में हमे किसान संबंधी कार्य हो या बच्चो के जाति प्रमाण पत्र आय प्रमाण पत्र इसके लिये तहसील कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे है। हम यह चाहते है कि वर्तमान में जो पटवारी पदस्थ है उनका स्थानांतरण कर दूसरे पटवारी को तैनात किया जाये। वही हमारी फसल की गिरदाबली तक नही हुई है। ऐसे में हम किसान अपनी उपज को समर्थन मूल्य पर नही बेच सकते। ऐसे में हमारी उपज मिल या मंडी में बेचने मजबूर होना पड़ेगा। हम शासन प्रशासन से मांग करते है कि हमारे हल्के के पटवारी को बदलकर दूसरा पटवारी नियुक्त किया जाना चाहिये।
फसल की नही हुई गिरदाबली – राजू लिमजे
इसी तरह किसान राजू लिमजे ने पद्मेश को बताया कि पटवारी २ से ३ माह हो गये है वे मेहंदीवाड़ा में आये नही है। हमारी जमीन का नाप जोक नही हो पा रहा है। न तो हमारी फसल की गिरदाबली हुई है। ऐसे में हमे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पटवारी के हमारे ग्राम में न आने की वजह से हमारे बच्चो के प्रतिवेदन तक नही बन पा रहे है। हमारे द्वारा इस बात की सूचना तहसीलदार, एसडीएम, अपर कलेक्टर व कलेक्टर तक को की जा चुकी है। हम चाहते है कि अगर पटवारी इस हल्के में अपनी नौकरी नही करना चाहते तो उनकी जगह शासन प्रशासन दूसरे पटवारी को नियुक्त करे ताकि हम किसानो व पढऩे वाले बच्चो के साथ ही ग्रामीण जन जिस परेशानी से जूझ रहे है। उससे निजात मिल सके।
४ माह से जूझ रहे पटवारी समस्या से – किशोर तामेश्वर
वही ग्राम पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि किशोर तामेश्वर ने पद्मेश को बताया कि हम पटवारी की समस्या से ४ माह से जूझ रहे है। बीच में उनकी हड़ताल भी चली मगर जब हड़ताल नही थी तब भी वे हमारे ग्राम में नही आये है। जिसकी वजह से छात्र छात्राओं के प्रतिवेदन जो जाति प्रमाण पत्र जाति प्रमाण पत्र से संबंधित है उन्हे काफी भटकना पड़ा है। वही किसानो की फसल की गिरदाबली भी नही हुई है। हमारे द्वारा बकायदा इसकी शिकायत तहसीलदार, एसडीएम को दी गई है। हम यह चाहते है कि अगर वे हमारे हल्के में कार्य नही करना चाहते तो शासन उनकी जगह दूसरे पटवारी को नियुक्त करे ताकि हमारे ग्राम के किसान, छात्र छात्राओं व ग्रामीणों को कोई तकलीफ न हो।
इनका कहना है –
इस संबंध में जब दूरभाष पर पटवारी हल्का नं.३३ गणेश लाल उईके से चर्चा की गई तो उन्होने बताया कि उन्हे मेहंदीवाड़ा व झालीवाड़ा हल्के का डबल चार्ज है। कुछ समय वे मेहंदीवाड़ा में देते है तो कुछ समय वे झालीवाड़ा में रही बात किसानो की गिरदाबली की तो उन्होने यह कार्य १४ अक्टूबर को ही संपन्न कर चुका है। वे अपनी डुयॅूटी पूरी ईमानदारी के साथ कर रहे है।

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