पत्थर माफिया ने पुलिस से बचने गायों को कुचला, एक ट्रैक्टर ट्राॅली नहर में गिरी, दूसरी पलटी

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पुलिस पीछे लगी तो पत्थर माफिया ने इतनी रफ्तार में पत्थर से भरे ट्रैक्टर-ट्राली दौड़ाए, कि सड़क पर मिली गायों तक को टक्कर मारते और कुचलते निकल गए। हादसे में एक गाय की मौत हो गई, वहीं छह गायें घायल हो गईं। इस अंधी रफ्तार में पत्थर से भरा एक ट्रैक्टर-ट्राली चंबल नहर में जा गिरा। इसके बाद पत्थरों को सड़क पर फैलाकर पुलिस वाहन का रास्ता रोका और पत्थर माफिया खाली ट्रैक्टर-ट्राली लेकर भाग गए। मंगलवार की सुबह यह घटनाक्रम जतवार के पुरा गांव के पास हुई।

सिहोनियां क्षेत्र से पत्थराें का अवैध उत्खनन कर हर रोज दर्जनों ट्रैक्टर-ट्राली अंबाह, पोरसा से लेकर दिमनी व मुरैना तक आते हैं। मंगलवार की दोपहर सिहोनियां पुलिस ने ऐसे ट्रैक्टर-ट्रालियों को पकड़ने के लिए चेकिंग पाइंट लगा दिया और सिहोनिया के पास एक कतार में आ रहे पांच-छह ट्रैक्टर-ट्रालियों को रोकने का प्रयास किया, लेकिन पत्थर माफिया ने पकड़े जाने के डर से वाहनों की रफ्तार बढ़ा दी।

पुलिस की गाड़ी भी इनके पीछे लग गई, इसके बाद पत्थर माफिया ने मिरघान के पास से नहर के रोड पर ट्रैक्टर-ट्राॅलियों को मोड़ दिया, जहां मवेशी विचरण कर रहे थे। तेज रफ्तार में जा रहे पत्थराें से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों ने गायों को टक्कर मारना शुरू किया, इसके फेर में एक ट्रैक्टर-ट्राल का संतुलन बिगड़ा और नहर में जा गिरा।

गनीमत यह रही कि नहर में पानी कम था, नहीं तो बड़ी जनहानि हो जाती। भागने के फेर में दूसरा ट्रैक्टर-ट्राॅली नहर किनारे पलट गया, इसके बाद तीन-चार ट्रैक्टर-ट्राॅली के पत्थराें को नहर किनारे के रास्ते पर ही बंद करके माफिया भागने में सफल हो गए। सूचना के बाद दिमनी व सिहोनिया थाना पुलिस मौके पर पहुंची, उससे पहले ही आरोपित भाग निकले। हादसे में छह गाय घायल हो गई, वहीं एक गाय की मौत हो गई। पुलिस ने दो ट्रैक्टर-ट्राॅली जब्ती में ले लिए हैं।

पकड़े जाने के डर से रेत व पत्थर माफिया इतनी रफ्तार में वाहनाें को दौड़ाते हैं, कि इनके कारण कभी भी हादसे का डर रहता है। 6 मार्च को ऐसा ही घटनाक्रम बानमोर-नूराबाद क्षेत्र में हुआ, जब पुलिस ने रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों का पीछा किया तो रेत माफिया 40 से ज्यादा ट्राली रेत को हाईवे पर फैलाकर भाग गए। हाईवे पर रेत के ढेर लग गए, इस कारण ढाई घंटे तक हाईवे पर जाम जैसे हालात रहे, लेकिन इससे पहले जब अंधी रफ्तार में रेत माफिया ने वाहनाें को हाईवे पर दौड़ाया तो हाईवे पर चल रहे कार व दोपहिया वाहन सवार डरकर सड़क किनारे वाहनाें को लेकर खड़े हो गए। माफिया के इस दुस्साहस पर अंकुश लगाने प्रशासन को कड़ी कार्रवाई करने की जरूरत है।

सुबह के समय हाईवे पर सफर करना खतरनाक

चंबल नदी से अवैध रेत अभी भी धड़ल्ले से जारी है। रोज सुबह बरवासिन, कैमरा, देवगढ़ आदि घाटाें से सैकड़ाें की संख्या में अवैध रेत के ट्रैक्टर-ट्राली कतार में निकलते हैं। सुबह 5 बजे के समय हाईवे पर रेत के भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों का कब्जा ऐसा रहता है, कि छोटे वाहन सवारों को निकलने तक का रास्ता नहीं दिया जाता। कुछ दिन पहले सेना के एक रिटायर अफसर ने इसे लेकर मुख्यमंत्री तक को ईमेल कर एक वीडियो भी भेजा, जिसमें मुरैना-राजघाट के बीच हाईवे पर रेत से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों ने कार व अन्य वाहनाें को काफी देर तक आगे निकलने के लिए साइड तक नहीं दी।

इनका कहना है

सिहोनियां में पत्थराें से भरे ट्रैक्टर-ट्रालियों को चेकिंग के लिए रोका तो वहां से यह ट्रैक्टर-ट्रालियाें को लेकर आरोपित भागे। इनको लगा कि पुलिस पीछे पड़ रही है, पकड़ में आ जाएंगे। तेज रफ्तार के कारण इन्होंने मवेशी भी नहीं देखे और संतुलन खराब होने के कारण एक ट्रैक्टर-ट्राली नहर में गिर गया तो दूसरा पलट गया। दोनों को जब्ती में ले लिया है। छानबीन करके आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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