बालाघाट विद्वान प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अमर कुमार शर्मा की अदालत ने एक आरोपी को पत्नी की हत्या करने के आरोप में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। यह आरोपी उमेश कुमार पिता मेहतर कुर्राहे 27 वर्ष ग्राम ठेमा थाना बहेला निवासी है। जिसने अपनी पत्नी प्रेमलता के चरित्र पर शक कर उसकी हत्या की थी। विद्वान अदालत में इस आरोपी को आजीवन कारावास के अलावा 50 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किए हैं ।
अभियोजन के अनुसार प्रेमलता उर्फ ज्योति का मायका ग्राम चिखली थाना बहेला का है जिसकी शादी उमेश कुमार कुर्राहे ग्राम ठेमा निवासी के साथ 28 जून 2020 को सामाजिक रीति रिवाज से हुआ था। शादी के बाद उमेश कुमार अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ ग्राम गर्रा में कमरा लेकर रहते थे। और 10-15 दिन में उमेश अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ अपने गांव ठेमा आते जाते रहता था ।अक्टूबर 2020 को दुर्गा पूजा की सप्तमी के दिन उमेश अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ ग्राम ठेमाआया था। जहा 2 दिन रुकने के बाद दोनों उमेश अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ अपने ससुराल ग्राम चिखली चले गए थे ।28 अक्टूबर को सुबह 10:00 बजे उमेश अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ अपने घर ठेमा आया था। उस दिन दोनों पति पत्नी घर मैं ही थे। उमेश का पिता मेहतर कुराहे अपने खेत काम करने चले गया था। शाम को जब वह वापस आया उसके बाद सभी लोगों ने रात में खाना खाए । खाना खाने के बाद उमेश अपनी पत्नी प्रेमलता के साथ अपने कमरे में सोने चले गए थे। परिवार के लोग भी सो गए थे। 29 अक्टूबर को सुबह जब परिवार के लोग उठे उन्होंने देखा कि प्रेमलता खटिया में बेहोश पड़ी हुई थी और कमरे में उमेश नहीं था। तब मेहतर कुर्राहे ने अपनी बहू प्रेमलता को उठाकर बहेला हॉस्पिटल ले गये।डॉक्टर द्वारा चेक करने पर प्रेमलता को मृत होना बताये। जिसके बाद उसकी लाश ठेमा लाई गई। सूचना मिलने पर प्रेमलता के मायके पक्ष के लोग भी आ गए थे। बहेला पुलिस ने प्रेमलता की लाश का पोस्टमार्टम करवाया। मर्ग जांच उपरांत प्रेमलता की गला घोट कर हत्या कर ना पाए जाने से धारा 302 भादवि के तहत अपराध दर्ज कर जांच शुरू की गई और इस मामले में संदिग्ध और मौके से फरार प्रेमलता के पति उमेश को हिरासत में लेकर पूछताछ करने पर उसने अपनी पत्नी प्रेमलता की गला घोटकर हत्या करने का अपराध कबूल किया। उमेश ने अपनी पत्नी के चरित्र को शक में लेकर उसकी गला घोट कर हत्या की थी। उमेश कुमार को पत्नी की हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया और विवेचना अनुसंधान उपरांत अभियोग पत्र पेश किया गया था यह मामला प्रथम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश अमर कुमार शर्मा की अदालत में चला जहां अभियोजन पक्ष आरोपी उमेश कुमार कुर्राहे के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थिति को देखते हुए उमेश कुमार कुर्राहे को पत्नी प्रेमलता की हत्या करने के आरोप में दोषी पाते हए उसे धारा 302 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 5000 रुपये अर्थदंड से दंडित किये। इस मामले में शासन की ओर से शासकीय अधिवक्ता प्रदीप सोनी द्वारा पैरवी की गई थी।