पन्ना टाइगर रिजर्व में वन्य जीवों के मामलें में एक मछली खाने वाली दुर्लभ ‘फिशिंग कैट’ पहली बार ट्रैप कैमरा में कैद हुई है। फिशिंग कैट की मौजूदगी टाइगर रिजर्व में खास मायने रखती है। यह बिल्ली बहते पानी में मछली का शिकार करने में निपुण होती है। वन्य जीव प्रेमियों के लिए फिशिंग कैट की मौजूदगी की खबर बेहद उत्साह बढ़ाने वाली है। लंबे समय से इस प्रजाति पर विलुप्त होने का खतरा मंडरा रहा है। पन्ना टाइगर रिजर्व के मध्य से तकरीबन 55 किलोमीटर तक प्रवाहित होने वाली केन नदी के आसपास फिशिंग कैट की उपस्थिति के संकेत पहले भी मिले थे, पर फोटो के रूप में पहला प्रमाण अभी मिला है।
फिशिंग कैट की विशेषता यह है कि मछली का शिकार कर अपना भोजन बनाती है। आम तौर पर फिशिंग कैट की प्रजाति विलुप्त हो रही है। भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 की अनुसूची-1 के अनुसार फिशिंग कैट का शिकार किया जाना प्रतिबंधित है।
वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि फिंशिग कैट पर रिसर्च और अध्ययन में रुचि रखने वाले जीव वैज्ञानिक यहां आकर अध्ययन कर सकते हैं। आने वाले समय में पर्यटकों के लिए भी वन्य जीवों के साथ फिशिंग कैट आकर्षण का केंद्र बनेगी।