परिवहन ना होने से नाराज समिति प्रबंधक धान खरीदी बंद करने कह रहे बात

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किसानों को उनकी फसलों का वाजिब दाम दिलाने और उन्हें बिचौलियों से बचने के लिए प्रतिवर्ष शासन द्वारा समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी की जाती है। जहां प्रतिवर्ष के अनुसार इस वर्ष भी शासन द्वारा 1 दिसंबर से जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर किसानों का उपार्जन खरीदा जा रहा है ।लेकिन परिवहन की उचित व्यवस्था न होने के चलते खरीदी गई धान का परिवहन नहीं हो पा रहा है ।जिसके चलते जहां एक ओर किसान परेशान है ,तो वहीं दूसरी ओर समिति प्रबंधकों को भी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।जहां जगह की कमी के चलते विभिन्न केंद्रों पर खरीदी गई धान के ढेर लग चुके हैं। तो वही जगह न होने के चलते किसानों को भी धान बेचने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। नौबत यहां तक आ गई है कि अब धान खरीदी केंद्र प्रभारियो ने परिवहन ना होने पर धान खरीदी का कार्य बंद करने का भी फैसला कर लिया है।

परिवहन ना होने से केंद्रों में कम पड़ रही जगह
जिले के विभिन्न केंद्रो में वर्तमान में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी का काम चल रहा है, लेकिन परिवहन ना होने के चलते धान की बिक्री के लिए केंद्र पहुचने वाले किसानों को हर समय समस्या का सामना करना पड़ रहा है. बताया जा रहा है कि जिले में स्लॉट बुकिंग की समस्या के चलते पहले ही हजारों किसान परेशान हैं, लेकिन अब उनके सामने एक और समस्या आ गई है. खरीदी केंद्र से धान का उठाव न होने से उपार्जन प्रभारी व किसानों के लिए चिंता का सबब बन गया है. खैरलांजी जनपद के अंतर्गत आने वाले ग्राम पिंडकेपार सहित जिले के अन्य सेवा सहकारी समिति में धान का परिवहन नहीं होने से धान उपार्जन कार्य में बाधा उत्पन्न हो रही है। यहां धान प्रभारी ने शासन प्रशासन विभाग को परिवहन निरंतर बनाए रखने की मांग की है।

72 घंटे वाले नियम का, नहीं किया जा रहा पालन
बात अगर नियम की करें तो नियम के मुताबिक किसानों से ध्यान खरीदने के 72 घंटे या तीन दिन के भीतर खरीदी गई उस धान का परिवहन किए जाने का नियम बनाया गया है। ताकि विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर किसानों से धान खरीदने और किसानों को उस केंद्र पर धान बेचने में किसी प्रकार की कोई परेशानी ना हो। वही विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर पर्याप्त जगह बनी रहे। लेकिन जिले के विभिन्न धान खरीदी केंद्रों पर इस नियम को ताक में रखा जा रहा है। जहां 72 घंटे वाले इस नियम की धज्जियां उड़ाते हुए परिवहनकर्ता धान का परिवहन नहीं कर रहे हैं। जिसके चलते किसान और केंद्र प्रभारियों दोनों परेशान है। वही सबसे ज्यादा परेशानी भुगतान को लेकर आ रही है। बताया जा रहा है कि जब तक धान का परिवहन गोदाम तक नहीं हो जाता और गोदाम में उस धान की एंट्री नहीं हो जाती तब तक बेची गई उस धान का किसानों को भुगतान नहीं किया जाएगा।

स्लॉट ब्लैंक होने का मंडरा रहा खतरा
बता दें कि समितियों ने जिन किसानों की धान समर्थन मूल्य पर खरीद कर स्टॉक में रख लिया है, उसे वेयर हाउस में शिफ्ट नहीं किया गया. जिसके चलते केंद्रों में अब नया लॉट खरीदने के लिए जगह नहीं बची है. ऐसे में जिले के तमाम किसानों के बुक स्लॉट ब्लैंक होने का खतरा मंडराने लगा है. यह स्थिति बालाघाट जिले के खैरलांजी जनपद के लगभग सभी खरीदी केंद्रों में बनी हुई है।

राईस मिलर को मिला है परिवहन का काम
आपको बताए कि जिले के 184 खरीदी केन्द्रों में लाखों क्लिंटल धान की खरीदी की जा चुकी है। वहीं मौसम के डर से क्षेत्र के तमाम किसान एक साथ अपनी उपज लेकर केन्द्रों में पहुंच गए हैं, जिसके चलते समितियों ने उपलब्ध बोरों के अनुसार खरीदी कर धान को परिसर में ही रख लिया, लेकिन उसका परिवहन अभी तक नहीं हुआ है.ज्ञात हो कि इस बार परिवहन का जिम्मा राइस मिलर को दिया गया था, लेकिन ऐन वक्त में मिलर काम नहीं कर पा रहे हैं. ऐसे में केन्द्रों पर भारी मात्रा में धान का स्टॉक रखा हुआ है, जिसके चलते नई खरीदी नहीं हो पा रही है।

परिवहन नहीं हुआ तो बंद करेंगे धान की खरीदी- सुलकिया
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान पिंडकेपार सेवा सहकारी समिति के धान प्रभारी संतोष सुलकियां ने बताया कि अभी तक उनके धान केंद्र में लगभग 5 हज़ार 476 क्विंटल से अधिक धान की खरीदी की जा चुकी है।जिसमे में साढ़े 400 क्विंटल के आसपास माल का परिवहन हुआ है।परिवहन नहीं होने से अब खरीदी करने में भारी समस्या हो रही है। ऐसे में उनके परिसर में भी धान रखने के लिए पर्याप्त जगह नहीं है। अगर जल्द परिवहन नहीं होता तो खरीदी बंद करना पड़ेगा। जिसकी सूचना उनके द्वारा संबंधित अधिकारियों को भी दे दी गई है।

जल्द ही परिवहन कराया जाएगा- रघुवंशी
वही इस पूरे मामले को लेकर दूरभाष पर की गई चर्चा के दौरान जिला वितरण अधिकारी हीरेंद्र रघुवंशी ने बताया कि परिवहनकर्ताओ की बैठक ली जा चुकी है वही दूरभाष पर वह पत्र लिखकर भी समितियों से जल्द से जल्द परिवहन करने को कहा गया है जल्द ही व्यवस्था करवाकर धान को स्टॉक में जमा कराया जाएगा.।

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