नगर में कुछ वर्ष पूर्व से शुरू हुई आवारा श्वानों से परेशानी की समस्या अब बढ़ते जा रही है। आलम यह हो गया है कि शहर के प्रमुख चौराहों व गलियों से राहगीरों का पैदल चलना भी दूभर हो रहा है। हाथों में बैग व थैला लेकर चलने वाले राहगीरों को ये आवारा श्वान न सिर्फ दौड़ाकर भयभीत कर रहे हैं, बल्कि अपने जहरीले नुकीले दांतों व पंजों से वार कर जख्मी भी कर रहे हैं। पशु चिकित्सा विभाग द्वारा जारी आंकड़ों की माने तो 2007 से अब तक ऐसे आवारा श्वानों ने करीब 20 हजार से अधिक लोगों को काटकर जख्मी किया, जिन्होंने रेबीज के इंजेक्शन लगाकर अपना उपचार करवा चुके हैं। यह आंकड़ा पिछले वर्ष तक का है आगामी समय के आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं।
आए दिनों बढ़ रही श्वानों की संख्या
पिछले आंकड़ों पर गौर किया जाए तो उन आकड़ो के अनुसार पिछले वर्षो में जिलेभर में ऐसे आवारा श्वानों की संख्या करीब 20 हजार से अधिक थी। वहीं वर्तमान वर्ष तक इनकी संख्या में 50 प्रतिशत तक की बढ़ोत्तरी हो गई है। इन आवारा श्वानों की लगातार संख्या बढऩे के कारण अब यह श्वान मुख्य मार्गो व चौराहों में बड़ी संख्या में दिखाई देने लगे हैं, जो राह चलते आमजन पर अचानक से हमला कर या दौड़ाकर भय का माहौल निर्मित कर रहे हैं।
नहीं चलाया जा रहा कोई अभियान
आवारा श्वानों को लेकर भले शहरवासी परेशान हो रहे हो, लेकिन नपा ने अब तक इस दिशा में कोई पहल शुरू नहीं की। हालाकि पिछले नपा परिषद में ऐसे आवारा श्वानों की नसबंदी करवाकर संख्या कम किए जाने पर विचार किया गया था। लेकिन बाद में मामला ठंडा हो गया और वर्तमान में आवारा मवेशियों की तरह की श्वानों पर अंकुश लगाने की दिशा में कोई प्रयास नहीं किए जा रहे हैं।
इन मार्गो को श्वानों ने बना रखा है अपना अड्डा
आवारा श्वानों को लेकर नगर में किए गए मुआयने में आवारा श्वानों की सर्वाधिक संख्या व समस्या शहर के काली पुतली, बस स्टैंड, बैहर रोड़, मेन रोड़ , वार्ड नंबर 24 जुग्गी झोपड़ी, रामगली, वार्ड 6 देवी तालाब के समीप व गोंदिया रोड में दिखाई दी। इन स्थानों में 24 घंटे इन श्वानों की गर्दी रहती है, जो इन मार्गो व चौराहों से गुजरने वाले चालकों व राहगीरों के लिए सिरदर्द बन रहे हैं। इन क्षेत्रों में आए दिन आवारा श्वानों के अचानक से भौंक कर व आपस में लड़ाई कर दुर्घटना कारित किए जाने के मामले में भी आए दिन सामने आ रहे हैं।
6 महीने पूर्व पास किए गए प्रस्ताव को भूल गई नपा
आपको बताएं कि करीब 6 महा पूर्व नगर परिषद की एक बैठक में आवारा श्वानों की नसबंदी करने का प्रस्ताव समस्त पार्षदों की सहमति से रखा गया था। जहां समस्त पार्षदों ने इसे एक बड़ी गंभीर समस्या बताते हुए इसका निराकरण करने की मांग की थी। जहां सर्व सहमति से इन आवारा श्वानों को पड़कर उनकी नसबंदी किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया था। इस प्रस्ताव को पास हुए करीब 6 महीने का वक्त बीत चुका है। बावजूद इसके भी नपा द्वारा इस दिशा में अब तक कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया है। शायद यही वजह है कि शहर की प्रत्येक गलियों में आवारा श्वानों की धमाचौकड़ी देखी जा रही हैं और वह लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं।