सालभर बाद परीक्षा और रिजल्ट से जुड़ी गतिविधियों को आनलाइन करने को लेकर चल रहे संयुक्त आटोमेशन प्रोजेक्ट बंद हो गया है। प्रदेशभर के विश्वविद्यालयों के बीच समन्वय नहीं बनने के चलते राजभवन ने यह फैसला लिया है। यहां तक सारे विश्वविद्यालय को पत्र लिखकर अपना आनलाइन सिस्टम बनाने पर जोर दिया है। अब डीएवीवी फिर से एक बार इंटीग्रेटेड इंर्फोमेशन सिस्टम पर काम शुरू करेगा। अधिकारियों के मुताबिक जुलाई में प्रोजेक्ट के लिए आइटी कंपनी से बातचीत की जाएगी।
एडमिशन, फीस जमा करना, परीक्षा फॉर्म, चालान, परीक्षा पेपर, रिजल्ट सहित विश्वविद्यालय की अन्य गतिविधियों के लिए विद्यार्थियों को विश्वविद्यालय तक नहीं आना पड़े। घर बैठे ही उनका काम हो सके इस उद्देश्य से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय ने 2016 में आनलाइन सिस्टम पर काम शुरू किया। अधिकारियों के मुताबिक आउटसोर्सिंग की बजाए सारे काम विश्वविद्यालय ने खुद करने का फैसला लिया। सॉफ्टवेयर बनाने के लिए कई कंपनियों से बातचीत हुई। मगर प्रोजेक्ट आगे नहीं बढ़ पाया।
बाद में 2018 में राजभवन ने सारे विश्वविद्यालय के लिए इंटीग्रेटेड इंर्फोमेशन सिस्टम यानी आटॉमेशन प्रोजेक्ट बनाने की कवायद शुरू हुई, जिसमें एक कमेटी बनाई गई। इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन, जबलपुर, सतना और रीवा विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि को रखा। 2020 तक कमेटी ने तीन चरण में प्रोजेक्ट पूरा करने का प्रस्ताव राजभवन के सामने रखा। एडमिशन, परीक्षा-रिजल्ट और अॉफिस वर्क शामिल था। सारे कार्यों के लिए दस्तावेजों को डिजिटल फॉर्म में बदलाना था। यह काम काफी मुश्किल लगने लगा। बावजूद कमेटी ने एनआइसी के एक विशेषज्ञ के मार्गदर्शन में परीक्षा और रिजल्ट का सॉफ्टवेयर को लेकर रूपरेखा बनाई।
प्रोजेक्ट को लेकर प्रत्येक विश्वविद्यालय अपनी-अपनी राय देने लगा था। इस वजह से दिसंबर 2020 के बाद प्रोजेक्ट की गति धीमी हो गई। इस बीच मार्च 2021 में संक्रमण की वजह से प्रोजेक्ट पर ज्यादा काम नहीं हो सका। अगस्त और अक्टूबर 2021 के बाद भी कमेटी ने बैठक कर प्रोजेक्ट में कई संशोधन किया। मगर कुछ विश्वविद्यालय इस पर राजी नहीं हुए। अब राजभवन ने प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई है। उन्होंने पत्र लिखकर सभी विश्वविद्यालय को अपने-अपने स्तर पर आनलाइन सिस्टम विकसित करने का सुझाव दिया है।