पहले नपाध्यक्ष और मंत्री गौरीशंकर बिसेन के घर के तबेले हटाये उसके बाद हमारे हटाना ,वार्ड क्रमांक 15 में मवेशी पाले जाने वाले तबेले को नगर पालिका और जिला प्रशासन द्वारा किया गया जमींदोज

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गौली मोहल्ला वार्ड क्रमांक 15 और वार्ड क्रमांक 10 स्थित कुछ लोगों के द्वारा रहवासी क्षेत्र में मवेशियों पाले जाने एवं तबेले बनाकर पशुपालन किया जा रहा था जिसे मवेशी सड़कों पर बैठे कर यातायात बाधित कर रहे थे जिन्हें चिन्हित कर नगर पालिका द्वारा पूर्व में सूचित कर प्रशासन द्वारा उनके मवेशियों के तबेले को जमींदोज करने की कार्यवाही 5 अक्टूबर को की गई है जिसमें पशु मालिकों का कहना है कि उन्हें बिना सूचना के उनके तबेले को जमींदोज किया गया है जिसको लेकर वह अब न्यायालय की शरण लेंगे क्योंकि वहां शहर में अकेले ही नहीं है जो की मवेशी पालन कर रहे हैं शहर में ऐसे बहुत से जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी भी है जो कि पशुपालन कर रहे हैं

आपको बता दे की नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत कुछ लोगों के द्वारा वार्ड के में मवेशी पालन किया जा रहा था जिसको लेकर के नगर पालिका के द्वारा पूर्व में ही आमजन को हो रही समस्या को देखते हुए एवं सड़कों पर मवेशी के विचरण करने पर यातायात में हो रही बधा को देखते हुए बहुत से लोगों को नगर पालिका द्वारा नोटिस भेज कर सूचित किया गया था कि वह सड़कों पर बैठ जा रहे आवारा मवेशियों को सड़कों पर न बैठने दे एवं जो लोग रहवासी क्षेत्र में पशुपालन कर रहे हैं एवं उससे होने वाली वार्ड वासियों की समस्या को देखते हुए वह अपने मवेशियों को शहर से बाहर लेजा ले एवं जो तबेले संचारित किया जा रहे हैं उसे स्वत ही हटा ले किंतु किसी के द्वारा भी भेजे गए नोटिस पर कोई भी अमल नहीं करने के कारण नगर पालिका द्वारा जिला प्रशासन के साथ मिलकर 5 अक्टूबर को लगभग 8 पशु मालिको के तबेले को जमींदोज करने की कार्यवाही जिला प्रशासन और नगर पालिका के द्वारा की गई जिसमें जिन लोगों के मवेशियों के तबेले को तोड़ा गया उनका कहना था कि नगर पालिका द्वारा उन्हें किसी प्रकार की कोई सूचना या नोटिस नहीं दी गई है और ना ही वह किसी प्रकार का ऐसा काम कर रहे हैं जिससे कि किसी को कोई समस्या उत्पन्न हो और वह अकेले ही नहीं है जो की मवेशी का पालन कर रहे हैं शहर में ऐसे बहुत सारे जनप्रतिनिधि और प्रशासनिक अधिकारी है जो कि अपने घरों में मवेशियों का पालन कर रहे हैं एवं कुछ शासकीय अधिकारी भी शासकीय बंगलो में मवेशी पालन कर रहे हैं तो फिर उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है क्यों उन्हें ही यह कार्रवाई का सामना करना पड़ रहा है यदि कार्रवाई हो रही है तो सब पर कार्रवाई होना चाहिए उन पर ही क्यों कार्रवाई की जा रही है

जब जिला प्रशासन और नगर पालिका का अमला मवेशी मालिकों के तबेला तोड़ रहा था उसे समय एक महिला के द्वारा अपने मवेशियों के तबेले को तोड़ने से मना करते हुए मीडिया के सामने यह कहा गया कि सिर्फ वह अकेले ही नहीं मवेशी पाल रहे हैं जबकि स्वयं नगर पालिका के अध्यक्ष भी तो मवेशी पलते हैं तो सबसे पहले नगर पालिका अध्यक्ष के घर में जाकर उनके मवेशियों के रहने के स्थान को तोड़ा जाए उसके बाद ही वह अपने घर में मवेशियों के रहने के स्थान को तोड़ने देंगे जबकि उनके यहां भी तो अधिक मवेशी हैं तो क्यों उन पर कार्रवाई नहीं की जा रही है जबकि कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के यहां भी मवेशी पाले जाते हैं तो उन पर करवाई पहले की जाए उसके बाद ही उनके मवेशी रहने के स्थान को तोड़ा जाए नहीं तो वह न्यायालय की शरण लेंगे जबकि वह यहां पर मवेशियों को पालकर अपनी रोजी-रोटी चल रहे हैं ना की कोई अवैध काम कर रहे हैं तो इसे क्यों किसी को परेशानी होनी चाहिए

यह कार्रवाई दुर्भावना पूर्वक की जा रही है- भीम फुलसुंधे

पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष भीम फुलसुंधे के द्वारा मीडिया से चर्चा के दौरान कहा गया कि जो कार्रवाई नगर पालिका और जिला प्रशासन के द्वारा की जा रही है वह कार्यवाही एक तरफा कार्रवाई हो रही है जबकि शहर में बहुत से ऐसे वार्ड है जहां पर मवेशी पाले जाते हैं एवं नगर पालिका अध्यक्ष सहित अनेक नगर पालिका के जनप्रतिनिधियों के यहां मवेशी पाला जा रहा है किंतु उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है यह कार्रवाई दुर्भावना पूर्वक की जा रही है जो कि गलत है और यदि कार्रवाई हो तो सभी पर कार्रवाई की जाना चाहिए महज कुछ लोगों पर कार्रवाई करना गलत है और यह कार्यवाही महज वार्ड क्रमांक 15 के लिए ही की जा रही है कि उन्हें किसी प्रकार का कोई नोटिस भी नहीं दिया गया उन्हें एक नोटिस जरूर मिला था जो कि अतिक्रमण को तोड़ने का था किंतु उनके द्वारा किसी प्रकार का कोई अतिक्रमण नहीं किया गया है वह अब इसको लेकर न्यायालय की शरण भी लेंगे

पुरे 33 वार्ड के तबेले तोड़े जाने चाहिए- शेखर गौली

वार्ड क्रमांक 15 निवासी शेखर गौली बताते हैं कि उनके जो तबेले तोड़े जा रहे हैं तो क्यों ना वार्ड क्रमांक 1 से लेकर वार्ड क्रमांक 33 तक के पूरे तबेले तोड़े जाने चाहिए जबकि नगर पालिका अध्यक्ष का सबसे पहले तबला टूटना चाहिए था और वह चाहते हैं कि क्या वह गौ माता को पालना क्या उनके लिए गलत है वहीं उन्होंने यह भी बताया कि उन्हें किसी प्रकार का कोई नोटिस नहीं मिला था वह जो गायों का तबेला बनाए थे वह उनकी स्वयं की भूमि पर है वह अब न्यायालय की शरण लेंगे और उन्हें लगभग 10 लाख से अधिक का नुकसान भी उठाना पड़ा है

नपा अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री के घरों में भी मवेशी पाले जाते हैं- दीपेश फुलसुंधे

दीपेश फुलसुंधे बताते हैं कि आज जिस प्रकार से नगर पालिका और जिला प्रशासन के द्वारा कार्रवाई की गई है वह कार्यवाही गलत है क्योंकि देखा जाए तो आज शहर में बहुत से ऐसे जनप्रतिनिधि और शासकीय अधिकारी हैं जो अपने स्वयं के घर में मवेशी पाल रहे हैं एवं स्वयं नगर पालिका अध्यक्ष से लेकर कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन के घरों में भी मवेशी पाले जाते हैं और वहां पर भी मवेशियों के तबेले हैं तो उन पर कार्यवाही क्यों नहीं की जा रही है क्यों महज ही कुछ लोगों पर कार्रवाई की जा रही है जो कि गलत है क्योंकि वह तो अपने स्वयं की भूमि पर मवेशी का पालन कर रहे हैं किंतु बहुत से लोग तो शासकीय जमीन एवं शासकीय बंगलो में मवेशियों का पालन कर रहे हैं

नपा के कर्मचारियों को एसडीएम ने लगाई फटकार-

जब नगर पालिका एवं एसडीम गोपाल सोनी सहित सभी प्रशासनिक अमला मवेशियों के तबेले पर कार्रवाई करने वार्ड में पहुंचा उसे समय जब कार्रवाई करने की बात आई तो एसडीएम गोपाल सोनी द्वारा नगर पालिका के कर्मचारियों को पहले तो पहचान पाना कठिन हो रहा था क्योंकि कार्रवाई की उसे भीड़ में नगर पालिका के कर्मचारी पहचान ही नहीं आ रहे थे कि कौन से नगर पालिका के कर्मचारी है और कौन से आम जन जिसको लेकर एसडीएम द्वारा कहा गया कि नगर पालिका के कर्मचारी अपनी वेशभूषा एवं अपने परिचय पत्र के साथ रहना चाहिए जिससे उन्हें पहचानने में किसी भी अधिकारी कर्मचारी को कठिनाई नहीं जाए एवं जब कार्रवाई के दौरान उपकरण मांगा गया तो पता चला कि नगर पालिका के कर्मचारियों द्वारा जमीदोज की कार्रवाई के लिए प्रयुक्त होने वाले उपकरण ही नहीं ले गए थे जिसको लेकर एसडीएम द्वारा कहा गया कि जब भी वह इस प्रकार की कार्रवाई में जाते हैं तो पहले से पूरी प्लानिंग होनी चाहिए ,कार्रवाई को रोककर बीच में उपकरण लाने जाना ना पड़े और आज कार्रवाई के दौरान यही चीज देखने को मिली जिसको लेकर एसडीएम द्वारा नगर पालिका के मुख्य नगर पालिका अधिकारी निशांत कुमार श्रीवास्तव को निर्देशित किया गया कि इस प्रकार की घटना की पूर्णावर्ती दोबारा ना हो

मुख्य नगर पालिका अधिकारी ही नही पहचान पाये नपा कर्मचारी को –

एक बार तो यह भी देखने को मिला कि स्वयं निशांत कुमार श्रीवास्तव ही अपने नगर पालिका के कर्मचारियों को पहचान नहीं पा रहे थे क्योंकि नगर पालिका के कोई भी कर्मचारी अपनी ड्रेस में नहीं आये थे जिस कारण उन्हें वहा उपस्थित दुसरे विभाग के कर्मी को ही अपने कर्मी समझ कर काम करने को कह दिया गया फिर उनसे उन्होंने क्षमा भी माँगा

न्याय उचित कार्यवाही की गई है- गोपाल सोनी

इस विषय को लेकर एसडीएम गोपाल सोनी के द्वारा बताया गया सीआरपीसी की धारा 133 के अंतर्गत कुछ लोगों पर प्रकरण पंजीबद हुए थे और उसमें कार्रवाई के आदेश पारित किए थे जबकि उनके द्वारा 2 महीने पूर्व ही उन्हें नोटिस जारी किया गया था एवं इसमें न्यायालय के भी आदेश है कि कोई भी पशुपालक शहरी क्षेत्र के अंतर्गत अधिक मवेशी पालन की गतिविधि ना करें वह पशुपालन की गतिविधि शहर के बाहर करें ताकि लोगों को स्वस्थ वातावरण मिले किंतु लगातार कुछ पशु मालिकों के द्वारा शहर के अंदर मवेशी पालन की गतिविधि की जा रही थी जो की गाइडलाइन के नियमों के विपरीत थी जिस पर नगर पालिका एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में यह कार्रवाई की गई है वही लगाए गए आरोप पर एसडीएम गोपाल सोनी द्वारा बताया गया कि किसी प्रकार की कोई मुंह देखकर कार्रवाई नहीं की गई है जो भी कार्रवाई हुई है वह न्याय उचित कार्यवाही की गई है एवं जो भी आमजन के द्वारा शिकायत की जाएगी उन पर विधि अनुसार कार्यवाही की जाएगी

बड़ी संख्या में पुलिस बल रहा उपस्थित –

इस पूरी कार्यवाही के दौरान बड़ी संख्या में पुलिस बल भी उपस्थित नजर आया जिसमें तीनों थानों के थाना प्रभारी सहित सी.यस.पी अंजुल अयक मिश्रा भी इस कार्यवाही में उपस्थित रहे कुछ शुरुआती दौर में पुलिस को तबेले को तोड़ने के दौरान हल्की झीनाझपटी का भी सामना करना पड़ा किंतु किन्तु बाद में तबेले को तोड़ने की कार्रवाई निरंतर चलती रही

गौली मोहल्ले स्थित रोड पर फैले अतिक्रमण पर नही दिया गया ध्यान-

भले ही यह समस्या लंबे समय से देखने को मिल रही है किंतु गौली मोहल्ले स्थित जो रोड है उसे पर आए दिन लोगों की आवाजाही बड़ी संख्या में होती है एवं यातायात का काफी दबाव गुजरी होने के कारण बना रहता है जिस पर स्थानीय दुकानदारों के द्वारा अपनी दुकानों के टिन सेड एवं दुकान के नाम की तक्तिया बाहर तक निकल गई है जिसको लेकर आए दिन आमजन एवं शहर वासियों बहुत समस्या का सामना करना पड़ रहा है किंतु इस और नगर पालिका द्वारा आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई ना ही यहां से अतिक्रमण हटाया जा रहा है और ना ही यहां के स्थानीय दुकानदारों को किए गए अतिक्रमण को हटाने की कोई नोटिस दी जा रही है जबकि देखा जाए तो इस रोड पर इतना अधिक यातायात होता है एवं जिस प्रकार से यहां के स्थानीय दुकानदारों द्वारा जो अतिक्रमण किया गया है उसे हटाना अति आवश्यक हो गया है किंतु नगर पालिका के द्वारा इस ओर आज तक कोई ध्यान नहीं दिया गया और ना ही आज जिला प्रशासन एवं नगर पालिका के इस अमले द्वारा किसी भी दुकान संचालक को यह नहीं कहा गया कि वह अपनी दुकान को अपनी सीमा में लगाकर संचालित करें एवं यहां पर कब अतिक्रमण की कार्यवाही नगर पालिका द्वारा की जाती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा

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