नगर मुख्यालय से सटी ग्राम पंचायत पनबिहरी स्थित गढ़वाल समाज मंगल भवन में २६ मार्च को दोपहर १२ बजे से अखिल भारतीय गढ़वाल समाज मंडल पांढरवानी की बैठक संपन्न हुई। यह बैठक अखिल भारतीय गढ़वाल समाज मंडल पांढरवानी के पदाधिकारियों की उपस्थिति में प्रारंभ हुई जिसमें सर्वप्रथम उपस्थितजनों ने समाज के पितृपुरूष स्व. मुरारीलाल ब्रम्हे के छायाचित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण किया। आयोजित बैठक में ग्राम प्रभारी, विहीन ग्रामों में ग्राम प्रभारियों एवं सचिवों की नियुक्ति, कन्ट्रीब्यूशन राशि जमा करने की प्रक्रिया को बढ़ाने, स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारक निर्माण के लिए स्थल चयन, एक व्यक्ति एक पद के नियम का पालन करते हुए दो-दो दायित्व संभाल रहे सदस्य से एक पद की वापसी, आपसी पारिवारिक विवादों का निपटारा करने, समाजोत्थान सहित अन्य बिन्दुओं पर चर्चा की गई। साथ ही बैठक में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी के परिवारजन व पदाधिकारियों ने गढ़वाल समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के स्मारक बनाने के लिए शासकीय महाविद्यालय लालबर्रा, पूर्व जनपद पंचायत लालबर्रा की भूमि का सुझाव देकर सर्वसम्मति से स्वीकृति प्रदान की और उक्त दोनों ही भूमियों का प्रस्ताव बनाकर शासन को प्रेषित किया जायेगा जहां से अनुमति मिलने के बाद स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नाम का स्मारक बनाया जायेगा सहित अन्य कार्यक्रमों की रणनीति तैयार की गई है। बैठक में ग्रीष्म ऋतु प्रारंभ होने के साथ ही गर्मी का दौर बढऩे पर जीव-जंतुओं को अपनी प्यास बुझाने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है जिस पर गढ़वाल समाज मंडल पांढरवानी के द्वारा ग्राम औल्याकन्हार, बड़ी पनबिहरी, छोटी पनबिहरी, अमोली, मानपुर, अतरी, लालबर्रा, पांढरवानी, आमाटोला, कटंगटोला के ग्रामीणों को १०-१० जलपात्र प्रदान करने का निर्णय लिया गया है और इन जलपात्रों में जल की निरंतर आपूर्ति ग्रामीणजन करेगें जिसमें रखे पानी को पीकर जीव-जंतु गर्मी में अपनी प्यास बुझा सकते है। चर्चा में अखिल भारतीय गढ़वाल समाज मंडल पांढरवानी उपाध्यक्ष चंद्रकुमार ब्रम्हे ने बताया कि बैठक मेेंं समाजोत्थान, गढ़वाल समाज के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी जिन्होने देश को स्वतंत्र करवाने में अहम भूमिका निभाये है ऐसे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का स्मारक स्थल बनाने के लिए स्थान का चयन करने पर चर्चा की गई है और शासकीय महाविद्यालय एवं पूर्व जनपद पंचायत कार्यालय लालबर्रा का स्थान पर विचार किया गया है जिसकी जानकारी शासन को भेजी जायेगी जहां से स्वीकृति मिलने के बाद स्मारक बनाया जायेगा साथ ही आगामी समय में बच्चों के लिए संस्कार शिविर का आयोजन किया जायेगा जिसमें उन्हे कैसे संस्कारवान बनाना है उसके बारे में शिक्षा प्रदान की जायेगी सहित अन्य समाजोत्थान के क्षेत्र में काम किये जायेगें।