दुबई: भारतीय टीम ने 5 स्पिनर चुने तो हर किसी ने यह कहते हुए आलोचना कि दुबई में तो हाल फिलहाल में पेसर कामयाब रहे हैं। फैसले पर सवाल उठ रहे थे इस बीच टीम इंडिया 15 फरवरी को दुबई के लिए रवाना हुई। वहां पहुंचते ही उसने आराम की बजाय प्रैक्टिस करने का फैसला किया। इधर खबर है कि चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को दुबई की धीमी पिचों से जूझना नहीं पड़ेगा। रिपोर्ट के अनुसार, भारत के लीग मैचों के लिए दो नई पिचें तैयार रखी गई हैं। यह बदलाव मैच के नतीजों को काफी प्रभावित कर सकता है।
भारत अपना अभियान 20 फरवरी को बांग्लादेश के खिलाफ शुरू करेगा। इसके बाद 23 फरवरी को चिर-प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान से भिड़ेगा। अंत में 2 मार्च को न्यूजीलैंड के खिलाफ ग्रुप स्टेज का समापन होगा। तीनों मुकाबले दुबई में होंगे, जहां पिछले एक महीने में काफी क्रिकेट खेला गया है। पिछले साल महिला टी20 विश्व कप की मेजबानी के बाद से दुबई ने कई बड़े टूर्नामेंट आयोजित किए हैं। इनमें पुरुष अंडर-19 एशिया कप और जनवरी-फरवरी में ILT20 लीग शामिल हैं।
आईसीसी के खास प्लान से होगा भारत को फायदा
ILT20 के दौरान इस मैदान पर दो नॉकआउट खेलों सहित 15 मैच हुए। हालांकि, अब खबर है कि स्टेडियम की दस पिचों में से दो को जानबूझकर लीग के दौरान इस्तेमाल नहीं किया गया। ऐसा इसलिए किया गया ताकि वे चैंपियंस ट्रॉफी के लिए अच्छी स्थिति में रहें। एक सूत्र ने PTI को बताया- DICS में 10 मैच स्ट्रिप्स हैं। लीग स्टेज के दौरान, विशेष निर्देश था कि उन दो का अभी उपयोग नहीं किया जाएगा और उन्हें चैंपियंस ट्रॉफी के लिए नए रखा जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा- हालांकि, यह पता नहीं है कि प्लेऑफ के लिए दोनों में से किसी का इस्तेमाल किया गया था या नहीं। मकसद यह सुनिश्चित करना है कि ज्यादा इस्तेमाल के बाद पिच धीमी और नीची न हो जाए और मैच खिंचे नहीं। नई पिचें बल्लेबाजों और गेंदबाजों दोनों के लिए मददगार साबित होंगी। दुबई की पिच ऐतिहासिक रूप से तेज गेंदबाजों के लिए अनुकूल रही है। तेज गेंदबाजों को यहां मूवमेंट और बाउंस मिलता रहा है।