बेंगलुरु की एक कॉलोनी को सुनवाई के दौरान ‘पाकिस्तान’ कहकर संबोधित करने वाले कर्नाटक हाई कोर्ट के जस्टिस वी श्रीशानंद की परेशानी बढ़ सकती है। ऐसी चर्चा है कि उनके ट्रांसफर पर भी चीफ जस्टिस की अगुवाई वाले सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने विचार किया है। उन्हें कर्नाटक हाई कोर्ट के बाहर किसी और हाई कोर्ट में भेजने पर विचार चल रहा है। यह विचार सुप्रीम कोर्ट के उन टॉप 5 जजों की बेंच कर रही है, जिसने उनकी टिप्पणी पर स्वतः संज्ञान लिया था। साथ ही मामले की सुनवाई की थी और माफी मांग लेने के बाद मामले को बंद कर दिया था।
कॉलेजियम में चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ सहित जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस ऋषिकेश रॉय शामिल हैं। कर्नाटक हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने 23 सितंबर की एक रिपोर्ट में जस्टिस श्रीशानंद की कुछ टिप्पणियों पर चिंता जताई थी। कॉलेजियम अब इस रिपोर्ट के आधार पर जस्टिस श्रीशानंद के ट्रांसफर पर विचार कर रहा है।
विवादित बयानों से नाराज है कॉलेजियम
जस्टिस श्रीशानंद के खिलाफ कॉलेजियम सख्त रुख अपनाए हुए है। इसकी वजह कर्नाटक के जज की ओर से दिए गए कई विवादित बयान हैं। जस्टिस श्रीशानंद पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं। 28 अगस्त को उन्होंने बेंगलुरु के एक इलाके को ‘पाकिस्तान’ कह दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में संज्ञान लिया और सख्त आपत्ति जताई। कोर्ट ने इस पर कार्यवाही की बात कही। बाद में 21 सितंबर को जस्टिस श्रीशानंद ने खुली अदालत में बिना शर्त माफी मांग ली और अपनी टिप्पणी वापस ले ली।