पाकिस्तान की संसद ने देश में बलात्कार की घटनाओं पर रोक लगाने एवं आदतन बलात्कारियों को सजा देने के लिए एक सख्त विधेयक पारित किया है। इस विधेयक में आदतन बलात्कारियों को नपुंसक बनाने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक रेप के मामलों की त्वरित सुनवाई सुनिश्चित करने के साथ-साथ बलात्कार के दोषियों को कठोर सजा देगा। पाकिस्तान में पिछले कुछ समय से महिलाओं एवं बच्चियों से रेप के मामलों में बेतहाशा वृद्धि हुई है। इसके खिलाफ लोगों में गुस्सा देखने को मिला है।
पाकिस्तानी संसद की बड़ी पहल
बलात्कारियों को सख्त सजा देने की समाज में बढ़ती मांग के बाद पाकिस्तानी संसद की ओर से यह एक बड़ी पहल की गई है। करीब एक साल पहले राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने बलात्कार विरोधी अध्यादेश को मंजूरी दी थी। इस अध्यादेश को पाकिस्तानी कैबिनेट की मंजूरी मिली थी। इस अध्यादेश में बलात्कारियों को दवा देकर नपुंसक बनाने एवं रेप के मामलों की जल्द सुनवाई की व्यवस्था बनाई गई थी। इस अध्यादेश के एक साल बाद संसद ने यह विधेयक पारित किया है।
कानून में संशोधन की उठी थी मांग
समाचार पत्र डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक संसद के संयुक्त सत्र में बुधवार को ‘द क्रिमिनल लॉ (अमेंडमेंट) बिल 2021’ सहित 22 अन्य विधेयक पारित हुए। इस विधेयक में पाकिस्तान पेनल कोड, 1860 एवं कोड ऑफ क्रिमिनल प्रासेड्योर, 1898 में संशोधन करने की मांग की गई थी। विधेयक के अनुसार, ‘केमिकल नसबंदी एक प्रक्रिया है जिसे प्रधानमंत्री की ओर बनाए गए नियमों के आधार पर अधिसूचित किया गया है। जिस व्यक्ति की केमिकल नसबंदी की जाएगी, वह अपने जीवन में सेक्सुअल गतिविधियां करने में अयोग्य हो जाएगा।’
जमात-ए-इस्लामी ने विधेयक का विरोध किया
पाकिस्तान में इस विधेयक का विरोध भी शुरू हो गया है। जमात-ए-इस्लामी के सीनेटर मुश्ताक अहमद ने इस बिल का विरोध करते हुए कहा है कि यह विधेयक गैर-इस्लामी और शरिया के खिलाफ है। सीनेटर ने कहा कि बलात्कारी को सरेआम फांसी दी जानी चाहिए लेकिन शरिया में नपुंसक बनाने का कोई जिक्र नहीं है। बता दें कि कई देशों में रसायन या दवा देकर बलात्कारियों को नपुंसक बनाया जाता है। दक्षिण कोरिया, पोलैंड, चेक रिपब्लिक और अमेरिका के कुछ राज्यों सहित कई देशों में रेपिस्टों को इस तरह की सजा दी जाती है।