पानी की समस्या से किसानों ने किया आमरण अनशन प्रारंभ

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लालबर्रा जनपद पंचायत अंतर्गत ग्राम पंचायत नेवारगांव  वॉ के बस स्टैंड चौराह पर ग्राम मुरझड़ ,नेवरगांव व और पाथरी के किसानो ने ८ सितंबर की सुबह किसान जागरण संगठन के बैनर तले आमरण अनसन पर बैठे हैं। जिनके द्वारा पाथरी जलाशय से सोनबाटोला मुख्य कैनाल और माईनर का सीमेंटकरण करने इस प्रकार ५ सूत्रीय मांगों को पूर्ण करने धरना दिया जा रहा है। जिनसे मिलने के लिए पहले दिन नर्मदा घाटी विकास कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन सुबह करीब ११.३० बजे धरना स्थल पर पहुंचे जहां पर उनके द्वारा पाथरी जलाशय से सोनबाटोला मुख्य कैनाल और माईनर का सीमेंटकरण करने के लिए ३ करोड रुपए के टेंडर सोमवार को लगाए जाने का आश्वासन दिया गया। जिस पर किसानों के द्वारा टेंडर होने पर ही अनशन खत्म करने की बात कहते हुए तत्काल टेंडर लगाने की बात को लेकर अड़े हुए हैं। इस दौरान मंत्री बिसेन के द्वारा एक कृषक को डांट दिया गया जिसकी उन्होंने निंदा भी की है जो आमरण अनशन पर बैठे हुए है।

कैबिनेट मंत्री बिसेन ने आंदोलन पर बैठे किसानों से की मुलाकात

किसान जागरण संगठन समिति नेवरगांव वॉ तहसील लालबर्रा के द्वारा ६ सितंबर २०२३ को जनसुनवाई में जिला कलेक्टर को पाथरी जलाशय की नहर अब खेतों में सिंचाई करने में असमर्थ है । जिसमें शासन उचित हल निकाले का ५ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंप कर मांगों को तत्काल पूर्ण करने की बात कहते हुए आमरण अनशन की चेतावनी दी गई थी। जिसके तहत ८ सितंबर की सुबह किसान आमरण अनशन पर बैठे हुए थे जहां पर कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन पहुंचे जिन्हें किसानों ने अपनी ५ सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंप कर तत्काल निराकरण करने की बात कहते हुए बताया कि ब्रिटिश शासन काल में निर्मित पाथरी जलाशय की नहरे व माईनर जीर्ण शीर्ण है घास झाडिय़ां एवं गढ्ढो की भरमार हो गई है। ४ लाख ७० हजार की लागत का ठेकेदारी में किया गया कार्य भी अभी अपूर्ण है जिस पर कोई ध्यान नहीं दे रहा है ।  जलाशय पूरा भरा हुआ है और फ सल सूखने की कगार पर है क्योंकि नहर में पानी नहीं छोड़ सकते वरना पानी खेतों की जगह सडक़ों पर बहेगा ऐसे में व्यवस्था की कमी है। हम चाहते हैं कि जलाशय के गढ्ढो को भरकर नहर माईनर की घास झाडिय़ां की सफ ाई कराई जाये, नहर माईनर वॉटर कोष से टेल तक एवं नहर की सभी संरचनाओं का सीमेंटीकरण हो, पाथरी जलाशय में जलापूर्ति करने वाले पाथरी   फीडर की सील्ड निकलना झाडियां एवं घास की सफ ाई, नहर में लगे फेंसिंग तार व खाबो का अतिक्रमण हटाये, वहीं एग्रीमेंट एवं बिना एग्रीमेंट वाले किसानों को चिन्हित किया जायें, ताकि किसानों को भविष्य में वर्तमान की तरह परेशानियों का सामना न करना पड़े। जिस पर नर्मदा घाटी विकास कैबिनेट मंत्री मध्य प्रदेश शासन गौरीशंकर बिसेन के द्वारा सिंचाई विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को बुलाकर पूर्व में उनके द्वारा इन समस्याओं पर की गई कार्यवाही का जवाब मांगा गया तो अधिकारियों ने स्वीकृति और आदेश की जानकारी दी। तत्पश्चात आमरण अनशन पर बैठे किसानों से चर्चा कर उनकी समस्या के संबंध में ३ करोड रुपए की लागत से उनकी मांगों की पूर्ति करने की बात कहते हुए रूपरेखा समझाई गई और धरना प्रदर्शन समाप्त करने के लिए कहा गया। परंतु किसानों के द्वारा आश्वासन को लॉलीपॉप बताते हुए टेंडर होने पर ही प्रदर्शन समाप्त करने की बात कहते हुए अपनी मांगों पर अड़े रहे जिनका धरना प्रदर्शन जारी है।

किसानों के द्वारा किया जा रहा आमरण अनशन

शुक्रवार की सुबह १० बजे से किसानों का आमरण अनसन प्रारम्भ हुआ जिसमे ३ पंचायत पाथरी, मुरझड, नेवरगांव वॉ के  किसान नेवरगांव वॉ के प्रदीप बोपचे,महेश बोपचे, तिजुलाल भगत, ओमकार बोपचे ,शेखलाल पारधी, सेवकराम परिहार, भिवाजी पारधी,  अशोक राहंगडाले, रुखनलाल पारधी, योगलाल राहंगडाले सहित अन्य पाथरी से मुरझड़ माईनर के सीमेंटीकरण के लिये आमरण अनशन पर बैठे हुए है। जीने तीनों पंचायत के किसानों का पूरा सहयोग है।

मंत्री बिसेन ने सिर्फ आश्वासन दिया है हम नही तोडेंगे अनशन-प्रदीप बोपचे

किसान जागरण संगठन अध्यक्ष प्रदीप बोपचे ने पद्मेश से चर्चा में बताया कि सिंचाई संरचना माईनर वॉटर कोष व सभी का सीमेंटीकरण हो पाथरी फ ीडर का सीमेंटीकरण हो ,अवैध कब्जा जो ४०   फीट की जगह में १५ फ ीट का कब्जा है । उसे तत्काल हटायें नाले में गड्ढे हो गए हैं उसे भर जायें, क्योंकि इस कारण से हम तालाब नहीं खोल पा रहे हैं की व्यर्थ में नाले में पानी बहेगा। किसानों के खेतों में पानी नहीं जाता है इसलिए उन गढ्ढो को बंद कर झाडियां की सफ ाई हो इसमें कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन से चर्चा की गई हैं। श्री बोपचे ने बताया कि पाथरी फ ीडर से पाथरी जलाशय तक सीमेंटीकरण हो हमारा कहना है वह ३ करोड रुपए दे रहे हैं उसमें सीमेंटीकरण नहीं हो सकता है । कुल मिलाकर १५ करोड़ की राशि लगेगी तभी पाथरी जलाशय से सोनबाटोला तक १६ किलोमीटर पानी टेल तक पहुंचेगा। मंत्री ने अपनी बात रखी ३ करोड रुपए दे सकता हूं फि र हमारे कृषकों का कहना है कि उन्होंने आश्वासन दिया है हम हटेंगे और बात खत्म हो जाएगी इसलिए हम चाह रहे हैं कि वह टेंडर घोषित हो अभी हम संतुष्ट नहीं है। यहां १० लोग अनशन पर बैठे हैं बाकी ग्राम की जनता है।

हम सब किसान अपने अधिकार के लिये कर रहे आमरन अनशन-ईश्वरी चौधरी

किसान ईश्वरी चौधरी ने बताया कि मैं जल उपभोक्ता संस्था अध्यक्ष रहा हूं उस समय भी यही मांग थी किसानों के खेतों में वर्तमान तक पानी नहीं जा रहा है । और सिंचाई नहीं हो सकती इसी को लेकर हम १० वर्ष से परेशान हैं। इसके लिए मुरझड़ ,नेवरगांव ,पाथरी के किसान धरने पर बैठे हुए हैं। इसमें कैबिनेट मंत्री ने जो बात रखी वह अधूरी बात करके गए और एक किस को डांट दिया यह ठीक नहीं है जिसके हम निंदा करते हैं एक किसान का अपमान सब किसान का अपमान है । अब सरकार के सामने हम अपनी डिमांड नहीं रखेंगे तो कहां रखेंगे। श्री चौधरी ने बताया कि जब तक हमारी ५ सूत्रीय मांग पूरी नहीं होगी तब तक हम धरने पर बैठे रहेंगे चक्का जाम भी करेंगे जिसमें सभी किसान साथ है। उन्होंने बात रखें वह लॉलीपॉप जैसा है ऐसा कुछ शेड्यूल में नहीं है उन्होंने केवल विभाग के अधिकारियों को बताया है और हम किसानों को उठने के लिए बोला है यह पहली बार नहीं है हम टेंडर निकालने पर ही संतुष्ट होंगे।

सोमवार को प्रशासनिक स्वीकृति कर टेंडर जारी किए जाएंगे-गौरीशंकर बिसेन

नर्मदा घाटी विकास कैबिनेट मंत्री गौरीशंकर बिसेन ने बताया की पाथरी जलाशय जिसमें वैनगंगा का सिंचाई प्रणाली का पानी आता है । कुछ वर्ष पूर्व गेट खराब हुआ था उसे सुधारा गया है और कैनाल की लंबी आयु चुनी है। जब से पाथरी जलाशय बना है उसमें कैनाल बनी है जिसमें कुछ कार्य हुआ है लाइनिंग पूरा नहीं है पुरानी योजना होने से सांप व चूहों ने गड्ढे कर दिए हैं जिससे पानी रिसता है तो वहां लाइनिंग की जरूरत है। मेन कैनाल के लिए हमने एस्टीमेट १ करोड़ ७२ लाख का आया है जिसे रिवाइज करने पर वह बढ़ेगा चार से पांच माइनर है उसमें १ करोड़ ३२ लाख के एस्टीमेट है लगभग ३ करोड़ की राशि है। श्री बिसेन ने बताया कि पाथरी कैनाल डैमेज है उसकी मरम्मत की भी जरूरत पड़ेगी इसमें सर्वे किसान के प्रतिनिधि के साथ अधिकारी अभी निकले हैं वह करेंगे । जिसका रविवार को टीएस होगा और सोमवार को प्रशासनिक स्वीकृति कर टेंडर जारी किए जाएंगे। जो छोटे.बड़े वाटर कोष है वह छोटा काम कर लिया जाएगा वहीं तीनों पंचायत के सरपंचों को मनरेगा से कचरा छाटने का काम प्रारंभ करने के लिए कहा गया है। इस फ सल के बाद किसानों के साथ बैठकर विस्तृत चर्चा की जाएगी और कैसे क्या हो सकता है इस पर निष्कर्ष निकाला जायेगा। 

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