एक ओर बालाघाट नगर पालिका द्वारा नगर में स्वच्छता अभियान चलाकर नगर को साफ सुथरा रखने का दावा किया जा रहा है तो वहीं दूसरी ओर नपा के जिम्मेदार स्वयं अपने कार्यालय की साफ सफाई नहीं करा पा रहे।
जिसका एक नजारा नगरपालिका के विभिन्न विभागों में देखने को मिला जहां विभिन्न विभागों की दीवारे इन दिनों पान गुटखा मसाला की पिक से सनी हुई नजर आ रही है।
हैरत की बात तो यह है कि दीवारों और कोनों में थूकने वालों से 500 रुपिये जुर्माना वसूलने की चेतावनी भी लिखी गई है बावजूद इसके भी न केवल आम लोग बल्कि नाप के अधिकारी कर्मचारी स्वयं दीवारों में थूककर स्वयं कार्यालय परिसर को गंदा कर रहे हैं।
आपको बताएं कि स्वच्छता अभियान के तहत लोगों में जन जागरूकता लाने और स्वच्छ वातावरण बनाने के लिए प्रतिवर्ष लाखों रुपए फूंके जा रहे हैं बावजूद इसके भी ना तो जनता में जनजागरूकता आ रही है और ना ही अधिकारी कर्मचारी दीवारों पर थूकने से किसी को रोक पा रहे हैं। कुल मिलाकर कहा जाए तो नगरपालिका का स्वच्छता अभियान महज कागजों में चल रहा है।
मुख्य नगरपालिका अधिकारी सतीश मटसेनिया ने बताया कि हमने इस मुद्दे पर समस्त अधिकारियों कर्मचारियों की बैठक ली है उन्हें स्वच्छता बरतने की फटकार भी लगाई है बावजूद इसके भी परिसर को स्वच्छ नहीं रखा जा रहा है सब से ज्यादा गंदगी राजस्व विभाग शाखा के इर्द-गिर्द देखने को मिल रही है हमने जब शाखा प्रभारियों को टोका तो उन्होंने बताया कि यहां आने वाले लोग गुटखा पान मसाला खाकर थूक रहे हैं लेकिन हमें ऐसा लगता है कि नगर पालिका के कर्मचारी ही यहां सबसे ज्यादा थूकते हैं यदि कोई परिसर में थूकते दिखाई दिया तो उन पर जुर्माने की कार्यवाही की जाएगी। जिसकी शुरुवात विभागीय लोगों से होगी।