पार्किंग स्थल बना गार्डन, पार्क की भूमि पर अतिक्रमण

0

अंग्रेजी हुकूमत से देश को आजाद कराने में अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानी शहीद अशफाक उल्ला खां को न सिर्फ नगर वासियों द्वारा भुला दिया गया है बल्कि नगर पालिका परिषद ने भी शहीद अशफाक उल्ला खां से जुड़ी यादों को मिटाने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। शायद यही वजह है कि लगभग 24 वर्ष पूर्व नगर के वार्ड नंबर 8 मरारी टोला में शहीद अशफाक उल्ला खां की याद में बनाया गया सर्व सुविधा युक्त गार्डन आज अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है जहां ना सिर्फ गार्डन का अस्तित्व मिट चुका है बल्कि अब वार्डवासी इस उद्यान का उपयोग वाहन पार्किंग के रूप में करने लगे हैं। अमर शहीद की याद में बनाया गया यह बाल उद्यान अब नेताओं और जनप्रतिनिधियों के लिए महज एक चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है वहीं नगर पालिका के उदासीन रवैए के चलते गार्डन अपना अस्तित्व खो चुका है जहां स्थानीय निवासियों द्वारा पुनः इस स्थान पर गार्डन बनाए जाने की मांग की गई है।

जन्म जयंती पर भी याद नही किए जाते शहीद
आपको बताए कि अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लोहा लेने वाले शहीद अशफाक उल्ला खां का जन्म 22 अक्टूबर 1900 को शाहजहांपुर, उत्तर प्रदेश में हुआ था. जिन्होंने 16 वर्ष की उम्र में ही अंग्रेजो के खिलाफ बगावत शुरू कर दी थी और अंग्रेजो के खिलाफ हुए काकोरी कांड में उन्होंने अपनी अहम भूमिका निभाई थी। जिस पर अंग्रेजी हुकूमत ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी।जिसके चलते महज 27 साल की उम्र में 19 दिसंबर 1927 को फैजाबाद की जेल में उन्हें फांसी पर लटकाकर उन्हें शहीद कर दिया था।जिनकी आज जन्म जयंती है। देश के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले अमर शहीद को नगर वासियों ने भुला दिया है ना तो उनकी जन्म जयंती पर इन्हें याद किया जाता है और ना ही उनके नाम से बनाई गई निशानी को संजोकर रखा गया है।बल्कि उनके नाम से जिलेभर में बनाई गई एकमात्र निशानी को भी निस्ता-नाबूत करने में किसी ने कोई कसर नहीं छोड़ी है।

शताब्दी वर्ष में कराया गया था गार्डन का निर्माण
ज्ञात हो कि स्वतंत्रता सेनानी शहीद अशफाक उल्ला खां के जन शताब्दी वर्ष 2000 में केंद्र सरकार द्वारा दिल्ली से पूरे देश में शहीद अशफाक उल्ला खां की याद में स्मारक, गार्डन ,सभा मंच या लाइब्रेरी आदि का निर्माण कर उनकी याद को बरकरार रखने के लिए फंड जारी किया गया था। उस वक्त नगर के वार्ड नंबर 8 के पार्षद शमीम पटेल की अनुशंसा पर तत्कालीन नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती अनुभा मुंजारे ने नगर के वार्ड नंबर 8 में शहीद अशफाक उल्ला खां बाल उद्यान का सर्व सुविधा युक्त गार्डन का निर्माण कराया था। उस वक्त लगभग 1लाख रु की लागत से बनाया गया यहा उद्यान, नगर पालिका और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते अपना अस्तित्व खो चुका है और अब वीरान हो चुका।यहां गार्डन अब महज 15 अगस्त और 26 जनवरी में झंडा फहराने तक ही सीमित है।

गार्डन को उजाड़ने में सब ने निभाई अहम भूमिका
आज से लगभग 24 वर्ष पूर्व नगर के वार्ड नंबर 8 मरारी मौहल्ला गली में बनाए गए इस सर्व सुविधा युक्त बाल उद्यान को उजाड़ने में न केवल नगर पालिका ने बल्कि जनप्रतिनिधियों सहित अन्य ने अपना अहम योगदान दिया है।बताया जा रहा है कि जब इस गार्डन का निर्माण कराया गया था तब गार्डन के चारों ओर फेंसिंग कर एक बड़ा गेट लगाया गया था, जहां बच्चों व बुजुर्गों के बैठने के लिए कुर्सियाँ, तरह-तरह के फूल, विभिन्न प्रकार के पेड़ पौधे, बच्चों के खेलने के लिए घिसरन पट्टी, झूले, चकरी, पीने के पानी के लिए हैंडपंप की व्यवस्था सहित अन्य सुविधाएं पूर्ण कर सुसज्जित उद्यान का निर्माण कराया गया था।लेकिन नगर पालिका और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता के चलते देखते ही देखते यह गार्डन उड़ने लगा और यहां रखा कुछ सामान जहा नगर पालिका के कर्मचारी ले गए तो वहीं कुछ सामान चोरों द्वारा चुरा लिया गया। वहीं अब गार्डन कि कुछ जगह में कुछ लोगों ने अपना कब्जा कर रखा है तो वहीं वार्ड के कई लोग इस उघान का उपयोग वाहन पार्किंग स्थल के रूप में कर रहे हैं।

महज चुनावी मुद्दा बन कर रह गया बाल उद्यान
बात अगर वीरान हो चुके शहीद अशफाक उल्ला खा बाल उद्यान की करें तो यह उघान नेताओं और जनप्रतिनिधियों के लिए महज एक चुनावी मुद्दा बनकर रह गया है प्रत्येक 5 वर्ष में होने वाले चुनाव में जहां एक ओर विभिन्न पार्टी के नेता वार्ड में आकर गार्डन का पूनः निर्माण कर शहीद अशफाक उल्ला खा की यादों को संजोने का सपना दिखाते हैं तो वहीं दूसरी ओर नगर पालिका के चुनाव में खड़े होने वाले उम्मीदवार भी अपना मतलब साधने के लिए इस स्थान को चुनावी मुद्दा बनाते हैं और चुनाव जीतने के बाद इसे भुला देते हैं।

गार्डन का मिटा अस्तित्व, बना मैदान
लगभग 24-25 वर्ष पूर्व शहीद अशफाक उल्ला खां के नाम से यहां एक गार्डन बनाया गया था जहां बुजुर्गों के बैठने,बच्चों के खेलने की सुविधा की गई थी फेंसिंग कर तरह-तरह के पेड़ पौधे फूल आदि लगवाए गए थे।लेकिन अभी यहां गार्डन केवल नाम मात्र का गार्डन रह गया है चुनाव के समय ही नेताओं और जनप्रतिनिधियों को इस गार्डन की याद आती है जनप्रतिनिधियों और नगरपालिका की उदासीनता के चलते इस गार्डन का अस्तित्व मिट गया है यदि यहां गार्डन होता तो उसका लाभ वार्डवासियों को मिलता बच्चे सड़कों पर ना खेलते हुए गार्डन में खेलते जिससे हादसों में कमी आती लेकिन ऐसा नहीं हो सका और देखते ही देखते गार्डन का अस्तित्व मिट गया।जो मात्र एक मैदान नजर आ रहा है।

अगर ध्यान दें तो आज भी हालत में आ सकता है सुधार
शहीद अशफाक उल्ला खां के जन्म शताब्दी के उपलक्ष में केंद्र से सभी जिलों में पैसा आया था जहां तत्कालीन कलेक्टर द्वारा नगर पालिका को शहीद के नाम से कोई स्मारक या गार्डन आदि बनाने के लिए पैसे दिए गए थे उसी के तहत लगभग एक लाख रुपए की लागत से यहां शहीद अशफाक उल्ला खां बाल उद्यान का निर्माण कराया गया था लेकिन नगर पालिका की उदासीनता के चलते यह गार्डन समाप्त हो गया सिर्फ 15 अगस्त और 26 जनवरी में झंडा फहराने के काम में इस जगह का उपयोग किया जाता है गार्डन का पुनः निर्माण कराने की माग कई बार की जा चुकी है लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया है यदि नगरपालिका चाहे तो आज भी इसके हालात सुधार कर पुनः गार्डन का निर्माण कराया जा सकता है।

दोबारा गार्डन बनाना चाहिए-एजाज खान
इस पूरे मामले के संदर्भ में की गई चर्चा के दौरान मरारी मोहल्ला वार्ड नंबर 8 निवासी एजाज खान ने बताया कि गार्डन का निर्माण पूर्व पार्षद शमीम पटेल के समय में किया गया था जहां झूले घीसरन पट्टी सहित विभिन्न प्रकार की व्यवस्था की गई थी जिस पर नगर पालिका ने ध्यान नहीं दिया और गार्डन उजड़ गया। आसपास के लोग इस खाली मैदान का उपयोग वाहन पार्किंग के लिए करने लगे हैं। हमारी मांग है की गार्डन का दोबारा निर्माण कराया जाना चाहिए वही बच्चों के खेलने बुजुर्गों के बैठे सहित अन्य व्यवस्थाएं की जानी चाहिए।

राजनीति की भेंट चढ़ गया है गार्डन-पन्ना शर्मा
वही मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान पूर्व पार्षद पन्ना शर्मा ने बताया जब वे पार्षद ठाए तब उन्होंने इस गार्डन को संवारने के लिए काफी प्रयास किया था। लेकिन उनके आवेदन निवेदन का नगर पालिका में कोई असर नहीं हुआ। नगर पालिका ही उस गार्डन की बर्बादी की जिम्मेदार हैं ।क्योंकि अब तक नगर पालिका ने इस गार्डन पर ध्यान नहीं दिया है और ना ही अब तक देखने की जरूरत उठाई है। करीब 15 वर्षों से भारतीय जनता पार्टी की नगर पालिका में सरकार है जो देशभक्त की बातें करती है लेकिन जिन्होंने देश को आजाद करके दिया उनके नाम के गार्डन तक को सवारकर नहीं रखा गया है। हमने कई बार आवेदन में पुनः गार्डन का निर्माण कराए जाने की मांग की है या फिर उस जगह पर आंगनवाड़ी भवन बनाने के लिए कहा था ताकि गार्डन की देखरेख भी हो सके लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं हो सका आवेदन निवेदन का जिम्मेदारों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। कुल मिलाकर कहा जाए तो शहीद अशफाक उल्ला खान के नाम का यह गार्डन राजनीति की भेंट चढ़ गया है।

यदि वार्डवासी आवेदन करें तो गार्डन को दिया जाएगा पूर्ण स्वरूप- भारती ठाकुर
वही इस पूरे मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान नगर पालिका अध्यक्ष श्रीमती भारती सुरजीत सिंह ठाकुर ने बताया कि कर्मचारी बेचकर गार्डन की वस्तु स्थिति का पता लगाया जाएगा। यदि वार्डवासी चाहते हैं कि वहां गार्डन बने तो वह अपना आवेदन नगर पालिका में भेजे उनके इस प्रस्ताव को बैठक में लेकर गार्डन को पुन स्वरूप देने की का प्रयास किया जाएगा।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here