पुरानी पेंशन बहाली पर अब मध्यप्रदेश के कर्मचारी दिल्ली में आंदोलन करेंगे। 8 दिसंबर को वे दिल्ली में धरना देंगे। पुरानी पेंशन के साथ अन्य मुद्दे भी उठाएंगे। जिसमें परमानेंट, डीए समेत अन्य विषय शामिल हैं।
विधानसभा चुनाव के पहले पुरानी पेंशन का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है। अब तक कई संगठन आगे आ चुके हैं। कांग्रेस भी खुलकर कह चुकी है कि यदि प्रदेश में कांग्रेस की सरकारी बनी तो पुरानी पेंशन बहाल होगी। उधर, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाल होने के बाद मध्यप्रदेश सरकार पर भी दवाब बन रहा है। हालांकि, सरकार की ओर से पुरानी पेंशन को लेकर अब तक कोई बात नहीं की गई है। दूसरी ओर, कर्मचारी संगठनों का प्रदर्शन लगातार बढ़ता जा रहा है।
मीटिंग में उठा मुद्दा और आंदोलन की रणनीति बनाई
अखिल भारतीय कर्मचारी संघ के आह्वान पर दिल्ली में धरना दिया जाएगा। इसमें एमपी के कई कर्मचारी संगठन हिस्सा लेंगे। वहीं, प्रमुख मांगों को लेकर आगामी जनवरी 2023 में अन्य कर्मचारी संघ को साथ लेकर अन्य संगठन के पदाधिकारियों के साथ बैठक होगी। तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने बताया कि दिल्ली में होने वाले आंदोलन को लेकर कर्मचारी संघ के प्रदेश एवं जिला पदाधिकारियों की मीटिंग हुई। जिसमें आंदोलन को लेकर रणनीति बनाई गई है।
कर्मचारियों की प्रमुख मांगें
- पुरानी पेंशन बहाली हो
- लिपिकों की वेतन विसंगति दूर की जाए
- सीपीसीटी परीक्षा खत्म की जाए
- परिवीक्षा अवधि पूर्व की भांति रखी जाए
- पेंशन हेतु अधिवार्षिकी आयु 33 वर्ष की जगह हेतु 25 वर्ष करें
- केंद्र के समान केंद्रीय तिथि से कार्यरत एवं सेवानिवृत्त अधिकारी-कर्मचारियों को महंगाई भत्ता से राहत दें
- रिक्त पदों की भर्ती पर संविदा स्थाईकर्मियों को नियमित करें
- कोरोना काल का 18 महीने का मंहगाई भत्ता/मंहगाई राहत दिया जाए
- आउट सोर्स प्रथा बंद हो
- सेवानिवृत्त कर्मचारियों को संविदा नियुक्ति न दी जाए
- अध्यापक,अतिथि शिक्षक और गुरुजियों की मांग लंबित मांगों को पूरा करें
- वाहन, मकान भाड़ा भत्ता बढ़ाया जाए
बिजलीकर्मी भी आंदोलन पर
पुरानी पेंशन समेत 12 मांगों को लेकर बिजली कंपनी के कर्मचारी भी आंदोलन पर है। हाल ही में धरना देकर रैली निकाली गई और सरकार की वादाखिलाफी पर हुंकार भरी। यूनाइटेड फोरम संगठन के बैनरतले यह आंदोलन हो रहा है।