बालाघाट/पुलिस अधीक्षक बालाघाट नगेंद्र सिंह के निर्देश पर जिले मे साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु जागरूकता लाने के लिए 6 दिसम्बर से साइबर जागरूकता अभियान की शुरुआत की गई। बालाघाट पुलिस के मुताबिक आज के डिजिटल युग में जहां इंटरनेट और मोबाइल तकनीक ने लोगों के जीवन को सरल और सुविधाजनक बना दिया है, वहीं साइबर अपराधियों द्वारा धोखाधड़ी के मामलों में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। इन धोखाधड़ी के मामलों से बचने और डिजिटल सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से वारासिवनी में स्थित ग्रेसियस कालेज मे साइबर सेल बालाघाट की टीम एवं थाना प्रभारी वारासिनी ने साइबर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया ।कार्यशाला मे छात्रों को डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के बारे मे बताया गया।जिसमें अपराधी स्वयं को पुलिस सी.बी.आई. या किसी सरकारी अधिकारी के रूप में प्रस्तुत करते हैं और यह दावा करते हैं कि व्यक्ति ने कोई गैरकानूनी कृत्य किया है तथा गिरफ्तारी वारंट जारी हो गया है। वे पीड़ित से तत्काल पैसे या व्यक्तिगत जानकारी (जैसे बैंक अकाउंट डिटेल्स, ओटीपी, आदि) की मांग करते हैं, यह कहकर कि गिरफ्तारी से बचने के लिए उन्हें कुछ राशि जमा करनी होगी ।इसके अतिरिक्त कार्यक्रम में छात्रों, शिक्षकों और कॉलेज के कर्मचारियों को साइबर फ्रॉड, हैकिंग, फिशिंग, ऑनलाइन ठगी और अन्य साइबर अपराधों से बचने के उपायों के बारे में जानकारी दी गई । कार्यक्रम में छात्रों को साइबर अपराध के विभिन्न प्रकार, जैसे कि बैंक फ्रॉड, सोशल मीडिया पर धोखाधड़ी, फेक कॉल्स और ईमेल, और व्यक्तिगत जानकारी की सुरक्षा के बारे में विस्तार से बताया गया ताकी लोग अपनी व्यक्तिगत जानकारी साझा करते समय सतर्क रहें ।साइबर पुलिस ने आमजन से अपील कि है की वे साइबर अपराधों से बचने के लिए सतर्क रहें । फर्जी कॉल्स, फिशिंग ईमेल्स, और ऑनलाइन धोखाधड़ी से बचने के लिए अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखें। किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर तुरंत पुलिस को सूचित करें और अपने ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें । साइबर अपराधों के खिलाफ जागरूकता जरूरी है, और इसके लिए जनता का सहयोग बेहद अहम है। साइबर पुलिस ने आम जनों से साइबर हेल्पलाइन नम्बर 1930 या साइबर सेल बालाघाट के मो 7587618559 पर संपर्क करने की अपील की है।