पूर्व जिला पंचायत सदस्य पप्पू पटेल आज करेंगे आत्मदाह

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वारासिवनी(पद्मेश न्यूज)।   शासन की वादा खिलाफ ी के खिलाफ किसानों का आक्रोश आसमान पर है। जिसको लेकर किसान नेता पूर्व जिला पंचायत सदस्य ज्ञान प्रकाश उर्फ  पप्पू पटेल  के द्वारा २५ दिसंबर को आत्मदाह की चेतावनी शासन प्रशासन को दी गई थी।  सरकार ने चुनावी संकल्प पत्र के अनुसार   ३१०० रुपये प्रति क्विंटल धान का समर्थन मूल्य किसानों को उपलब्ध करायें अन्यथा  आत्मदाह किया जाएगा। जिसको लेकर राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के द्वारा २५ दिसंबर को जय स्तंभ चौक पर होने वाले आत्मदाह के आंदोलन की तैयारियां प्रारंभ कर दी गई है। तो वहीं पुलिस प्रशासन के द्वारा ज्ञान प्रकाश उर्फ  पप्पू पटेल को अपनी अभीरक्षा में लेने के लिए पतासाजी की जा रही है। हालांकि किसानों में भारी आक्रोश है जिसको लेकर किसान संगठन के द्वारा व्यापक स्तर पर आत्मदाह को लेकर रणनीति तैयार कर ली गई है की सरकार अब इससे मानती है तो यही किया जायेगा। वहीं अन्य किसानों में भी आक्रोश देखने को मिल रहा है जो शासन के झूठे आश्वासन के खिलाफ  आत्मदाह की बात कह रहे हैं। इस दौरान बड़ी संख्या में किसान उपस्थित होने की संभावना व्यक्त की जा रही है।

आंदोलन टालने के लिए सरकार ने नहीं किया कोई प्रयास

प्राप्त जानकारी के अनुसार किसान अन्नदाता को उसकी उपज का वाजिद दाम नही मिलने पर पूरे जिले और प्रदेश के किसान अपने स्तर पर आंदोलन कर रहे रहे है। इसी बीच पूर्व जिला पंचायत सदस्य ज्ञान प्रकाश उर्फ  पप्पू पटेल के द्वारा ३१०० रुपये धान का समर्थन मूल्य २५ दिसंबर तक नहीं देने पर २५ दिसंबर को ही जय स्तंभ चौक पर आत्मदाह की चेतावनी दी गई थी। यह चेतावनी करीब १५ दिन से अधिक समय पहले ही सरकार को दे दी गई थी उसके बाद भी सरकार का कोई प्रतिनिधिमंडल या जिले के वर्तमान विधायकों में से किसी के द्वारा किसी प्रकार से मामले में समझौता करने और आंदोलन को खत्म करने के लिए प्रयास नहीं किया गया। जिससे किसानों में बहुत ज्यादा रोष व्याप्त है कि सरकार भी अब किसानों को आत्मदाह के लिए प्रेरित करने और कदम उठाने के लिए मजबूर कर रही है।

दुर्भाग्य है कि किसानों  को अपने हक  के लिए आत्मदाह करना पड़ रहा है-हर्षित राणा

किसान हर्षित राणा ने बताया कि  पप्पू पटेल ने शासन की नीति से आक्रोशित होकर किसान पुत्र है वह बहुत दुखी है सरकार वादा पूरा ना कर जो छल कपट किया जा रहा है उसके विरोध में २५ दिसंबर को आत्मदाह करेंगे। दुर्भाग्य है कि किसान को हक के लिए आत्मदाह करना पड़ रहा है बहुत सारे किसान आएंगे विरोध हमारे द्वारा भी किया जा रहा है। किसानों ने मांगा नहीं था शासन ने देंगे कहा था अब सरकार बताएं कि छल कपट क्यों कर रही है। कल किसानों का भारी समूह आएगा यह आत्मदाह का कार्यक्रम है किसान आक्रोशित है यह ना हो कि एक नहीं अनेक पप्पू पटेल वहां पर आत्मदाह के लिये खड़े हो जायें। क्योंकि किसान शासन की नीति के विरोध में है और बहुत उथल पुथल हो सकती है कहीं हमारा भाई बंधु भी अग्नि स्नान कर सकता है। इसके दोषी सरकार जिले के जनप्रतिनिधि विधायक को मानते हैं कि वह हमारी मांगों को सरकार तक नहीं पहुंच पाये यह इनकी जवाबदारी थी।

हम सभी किसान भी शक्ति के साथ आत्मदाह करेंगे-पीतांबर नागेश्वर

पूर्व जनपद सदस्य पीतांबर नागेश्वर ने बताया कि किसान आक्रोशित है कि उसको उत्पादन का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। किसान संगठन के माध्यम से हमारे अध्यक्ष सुभाष पारधी के द्वारा आंदोलन किया गया था उस समय २५ को आत्मदाह की चेतावनी पप्पू पटेल ने दी थी। १५ दिन पहले ही यह चेतावनी दी गई किंतु सरकार के किसी प्रतिनिधि ने उनसे मुलाकात नहीं की प्रभारी मंत्री को उनसे मिलना था सरकार को चिंता करना था। उनको अपने गुटफेट में लेकर समझौता कर मामले का खात्मा करना था। किंतु यह चिंताजनक बात है की चेतावनी के बाद २५ दिसंबर आ गया कोई मंत्री या कोई प्रतिनिधि मंडल नहीं आया। किसानों ने सरकार से कुछ मांगा नहीं था इन्होंने अपने संकल्प पत्र में कहा था वह हम मांग रहे हैं बोनस तो दिया नहीं। कल भारी संख्या में किसान आएंगे और यह आंदोलन उग्र हो सकता है हम भी शक्ति के साथ आत्मदाह करेंगे।

आत्मदाह के आंदोलन में बड़ी से बड़ी संख्या में पहुंचे किसान-सुभाष पारधी

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ अध्यक्ष सुभाष पारधी ने बताया कि हमारे किसान नेता भाई पप्पू पटेल उन्होंने हमारे आंदोलन के पहले ही किसानों को समर्थन मूल्य ३१०० रुपए प्रति क्विंटल नहीं मिला तो मैं आत्मदाह करूंगा यह घोषणा कर दी थी। जिसको लेकर कल कार्यक्रम है उसकी तैयारी जारी है प्रशासन से हमारी चर्चा हुई है प्रशासन का सहयोग है परंतु जनप्रतिनिधि  कोई चर्चा नहीं कर रहे हैं। पूरे किसान हम भी आत्मदाह करेंगे कहते हैं किसान आंदोलन उग्र हो गया है। किसान चाहता है कि इस कदम मैं साथ है पूरे जिले से किसान आएंगे और किसानों से अपील है कि वह भारी जनसंख्या में पहुंचे।

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