इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने पिछले दो महीने में अपनी सेवाओं में काफी बदलाव किया है। इस बैंक के बैंकिंग चार्जेज से लेकर ब्याज दर तक हर चीज बदल चुकी है। SBI से लेकर PNB तक देश के सभी बड़े बैंकों में सेविंग अकाउंट में मिलने वाली ब्याज दर में कटौती की है। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक भी इनमें से एक हैं। इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक ने अब सर्विस के लिए चार्ज भी वसूलना शुरू कर दिया है। बैंक की नई दरें 1 अगस्त से लागू हो चुकी हैं।
क्या है नई ब्याज दर
इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक पहले 2.75 फीसदी की दर से ब्याज देता था, लेकिन अब इसे घटाकर 2.50 फीसदी कर दिया गया है। हालांकि जो ग्राहक अपने खाते में 1 लाख से ज्यादा पैसा रखते हैं। उनको पुरानी दर से ही ब्याज दिया जाएगा। बैंक की ये नई ब्याज दरें 1 जुलाई से लागू हो चुकी हैं। बैंक के सभी ग्राहकों को हर तीन महीने में ब्याज का पैसा दिया जाता है।
सेवाओं में चार्ज की नई दरें
1 अगस्त तक इंडिया पोस्ट पेमेंट्स बैंक डोरस्टेप बैंकिंग के लिए अपने ग्राहकों से कोई चार्ज नहीं लेता था, लेकिन अब ग्राहकों को हर रिक्वेस्ट के लिए 20 रुपये देने पड़ेंगे। सर्विस चार्ज की ये नई दरें 1 अगस्त से लागू हो चुकी हैं। इसके अलावा बैंक ने अधिकतम बैलेंस की लिमिट को 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी है। अब आपके खाते में 2 लाख से अधिक पैसा होने पार उसे पोस्ट ऑफिस सेविंग्स अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया जाएगा। पोस्ट ऑफिस के सेविंग्स अकांउट पर फिलहाल 4 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है।
नए नियमों के बाद किस आधार पर मिल रही है ब्याज
ब्याज की दरों में बदलाव होने के बाद उन ग्राहकों को नुकसान है, जो अपने खाते में 1 लाख से कम पैसा रखते हैं। इन्हें 2.5 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। वहीं जो ग्राहक 1 लाख से 2 लाख रुपये के बीच रकम अपने खाते में रखते हैं उन्हें 2.75 फीसदी की दर से ब्याज मिल रहा है। जबकि 2 लाख से ज्यादा पैसा होने पर जितना पैसा ज्यादा होता है वह पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट में चला जाएगा और उसमें ग्राहक को 4 फीसदी की दर से ब्याज मिलेगा और 2 लाख रुपये तक की रकम पर 2.75 फीसदी की दर से ब्याज मिलता रहेगा।
अकाउंट नंबर और पासवर्ड की झंझट नहीं
इंडिया पोस्ट पेमेंट बैंक की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसके ग्राहकों को कोई अकाउंट नंबर और पासवर्ड याद रखने की जरूरत नहीं पड़ती है। इसमेंत क्यूआर कार्ड के जरिए बैंकिंग होती है। अकाउंट होल्डर का ऑथेन्टिकेशन प्रोसेस बायोमेट्रिक के जरिए पूरा किया जाता है। इस अकाउंट में NEFT, IMPS और RTGS सुविधा भी मिलती है, जिसके जरिए फंड्स ट्रांसफर किए जा सकते हैं।