प्राध्यापक 14 दिन से ज्यादा छुट्टी पर रहे, तो मेडिकल बोर्ड के सामने होना पड़ेगा पेश

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सहायक प्राध्यापकों और प्राध्यापकों की बगैर बताए लगातार छुट्टी पर रहने की आदत से परेशान उच्च शिक्षा विभाग ने सख्ती बरतना शुरू कर दिया है। विभाग ने सभी कॉलेजों को निर्देश जारी किए हैं कि ये कर्मचारी पहले से मंजूरी के बाद ही छुट्टी पर जाएं। वहीं एक जनवरी 2020 के बाद 14 दिन से तीन माह तक स्वास्थ्य अवकाश पर रहे सभी सहायक प्राध्यापकों एवं प्राध्यापकों को मेडिकल बोर्ड के सामने उपस्थित होने के निर्देश दिए हैं। जिनका पालन करते हुए कॉलेजों ने इन कर्मचारियों को निर्देश जारी कर दिए हैं। हालांकि विभाग ने गुरुवार शाम को दूसरा निर्देश जारी किया है, जिसमें एक फरवरी 2020 के बाद दो माह से ज्यादा स्वास्थ्य अवकाश पर रहने वाले की जानकारी मांगी है। इस निर्देश में मेडिकल बोर्ड के सामने हाजिर होने की बाध्यता का जिक्र नहीं है।

जानकार बताते हैं कि विभाग में बड़ी संख्या में कर्मचारी बगैर पूर्व सूचना के छुट्टी पर जा रहे हैं। पिछले साल बड़ी संख्या में कर्मचारी स्वास्थ्य अवकाश पर रहे हैं। जिसे देखते हुए करीब 10 दिन पहले निर्देश जारी किए गए थे कि 14 दिन से तीन माह बगैर बताए छुट्टी पर रहे कर्मचारी अनिवार्य रूप से मेडिकल बोर्ड के सामने प्रस्तुत हों। राजधानी के कॉलेजों में प्राध्यापकों-सहायक प्राध्यापकों को निर्देश जारी कर दिए गए थे। शुक्रवार को जिला अस्पताल में बोर्ड लगना है। इसलिए प्राध्यापक-सहायक प्राध्यापक इसकी तैयारी में थे। इसके पहले ही निर्देश बदल गए।

अब छुट्टी के आवेदन पर सख्ती

विभाग ने अब छुट्टी के आवेदन पर सख्ती कर दी है। नए निर्देशों में साफ कर दिया है कि कोई भी कर्मचारी पहले से मंजूरी लिए बगैर छुट्टी पर नहीं जा सकेगा।

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