नई दिल्ली: बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने अंतरिम सरकार के प्रमुख मुहम्मद यूनुस पर हिंदुओं और अन्य अल्पसंख्यकों के ‘नरसंहार’ का बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार हिंदुओं और दूसरे अल्पसंख्यकों की रक्षा करने में विफल रही है। शेख हसीना ने ही नहीं ब्रिटेन की संसद में भी हिंदू और अल्पसंख्यकों पर हमले का मुद्दा उठाया गया है। सांसदों ने अल्पसंख्यकों की हिंसा में हुई वृद्धि को बेहद चिंताजनक बताया है। कई सांसदों ने इस मुद्दे पर अपनी राय रखी और बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए ब्रिटिश सरकार से कदम उठाने का आग्रह किया। इसदौरान बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के प्रमुख पर भी सवाल उठाए गए हैं। ऐसे में मुहम्मद यूनुस चौतरफा घिरते दिख रहे हैं। उन्हें शेख हसीना के साथ-साथ ब्रिटेन संसद में कई सांसदों ने बांग्लादेश में जारी हिंसा का मुद्दा उठाया।
यूनुस सरकार को शेख हसीना ने जमकर सुनाया
सबसे पहले बताते हैं कि शेख हसीना ने क्या कहा। उन्होंने न्यूयॉर्क में आयोजित अपनी पार्टी अवामी लीग के समर्थकों को एक वर्चुअल संबोधन में यह टिप्पणी की। इस दौरान उन्होंने दावा किया कि पांच अगस्त को उनकी और उनकी बहन की शेख रेहाना के मर्डर की साजिश रची गई थी। उस समय बड़े पैमाने पर हुए सरकार विरोधी प्रदर्शनों के कारण हसीना को बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। यही नहीं उन्हें खुद और अपनी बहन की जान बचाने के लिए देश भी छोड़ना पड़ा था। उस समय हसीना ने भारत में शरण ली थी।
बांग्लादेश की अंतरिम सरकार पर भड़कीं हसीना
बांग्लादेश छोड़ने के बाद शेख हसीना का ये पहला सार्वजनिक संबोधन था, जिसमें उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के प्रमुख पर जमकर अटैक किए। उन्होंने इस दौरान करीब एक घंटे तक बंगाली में अपनी बात रखी। उन्होंने दावा किया कि 5 अगस्त को अगर उन्होंने बांग्लादेश नहीं छोड़ा होता तो उनके और उनकी बहन शेख रेहाना की हत्या का प्लान था। ये साजिश ठीक उसी तरह रची गई थी जैसे उनके पिता शेख मुजीबुर रहमान की हत्या 1975 में सेना के अधिकारियों ने की थी।