मोमिनपुर हिंसा और एकबालपुर पुलिस स्टेशन में तोड़फोड़ के बाद पश्चिम बंगाल में नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर कानून-व्यवस्था की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए तत्काल केंद्रीय बलों की तैनाती का अनुरोध किया है। रविवार को हिंसा भड़कने के बाद देर रात बड़ी संख्या में लोगों ने एकबालपुर थाने को घेर लिया। हिंसा की घटना के बाद से इलाके में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। अभी तक यह बात सामने नहीं आ सकी है कि दोनों समुदायों के बीच तनाव किस बात पर पैदा हुआ।
हिंसा के बाद बंगाल में भाजपा ने मोमिनपुर इलाके में केंद्रीय बलों की तत्काल तैनाती की मांग की है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने ट्वीट किया कि हिंदुओं के घरों पर हमले होने पर पुलिस कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। कोलकाता पोर्ट के मयूरभंज में हिंदू पलायन कर रहे हैं, उनके घरों पर हमले हो रहे हैं। पुलिस चुपचाप देख रही है। कानून व्यवस्था नहीं है। स्थिति गंभीर है, राज्य सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।
पश्चिम बंगाल के मोमिनपुर इलाके में रविवार को दो समुदायों के बीच तनाव की स्थिति पैदा हो गई। यह मामला तेजी से हिंसक होता गया और वाहनों में तोड़फोड़ की गई और लोगों ने पथराव किया। मोमिनपुर में हिंसा भड़कने के बाद भाजपा के सोशल मीडिया प्रमुख अमित मालवीय ने ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार की आलोचना करने के लिए ट्विटर का सहारा लिया। उन्होंने कहा उनके शासन में सांप्रदायिक दंगे आम हो गए हैं। मालवीय ने 1946 के नोआखली दंगों का जिक्र करते हुए कहा कि जो लोग इतिहास से सबक नहीं सीखते हैं, वे इसे दोहराने के लिए अभिशप्त हैं। उन्होंने एक ही दिन होने वाली इन दो घटनाओं के बीच तुलना की, जब हिंदू ‘कोजागरी लक्ष्मी पूजा’ या शरद पूर्णिमा मनाते हैं। अमित मालवीय ने भी मजूमदार के बयान को दोहराया और कहा कि एकबालपुर पुलिस पुलिस थाना छोड़कर भाग गई। जबकि उस समय मोमिनपुर के निवासी हिंसा से पीड़ित थे