फसल की बीमारी पहचानने के साथ दवा भी बताएगा ड्रोन

0
NDIfiUËëtl& rx[v˜ytRoxe zeYb fUe Ntu" Atºtt Fu;tü bü z[tul fuU srhY VUm˜ fUe rô:r; fUtu mbSlu fUt Œgtm fUh;e ýRo> mtisàg& mkô:tl ... mbtath- Fu; bü ˜de VUm˜ fUt z[tul zt¢xh, cebthe fuU mt: =udt =Jt

खेत में फसल की बोआई,दवा का छिड़काव करने में ड्रोन का उपयोग तो हो ही रहा है, अब ड्रोन फसल में लगी बीमारी का पता भी लगाएगा और जरूरी दवा भी बताएगा। पंडित द्वारका प्रसाद मिश्रा भारतीय प्रौद्योगिकी डिजाइन और विनिर्माण संस्थान(ट्रिपलआइटी डीएम), जबलपुर के कंप्यूटर साइंस एवं इंजीनियरिंग विभाग ने आर्टिफ‍िश‍ियल इंटेलिजेंस तकनीक का प्रयोग कर इस तरह का ड्रोन तैयार किया है। जिसका सफल प्रयोग जबलपुर के पाटन समेत आसपास के क्षेत्रों में किया गया है।

यह है खूबी

यह एग्रीकल्चर ड्रोन एचडी कैमरा, प्रोपेलर विंग्स, लंबी बैटरी बैकअप, स्टोरेज और एंड्राइड तकनीक युक्त होता है। इसे खेत में उड़ाकर फसल का मुआयना किया जाता है। इसका कैमरा बारीक से बारीक स्थिति के चित्र लेने में सक्षम है। इसके द्वारा खींचे गए चित्रों की गुणवत्ता शानदार होती है। ये चित्र किसानों को फसल की वस्तुस्थिति से अवगत करा देते हैं और जरुरत पड़ने पर फसल की वीडियो रिकार्डिंग भी उपलब्ध होती है।

कृषि विज्ञानियों से आनलाइन सुझाव ले सकेंगे

कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग विभाग की प्रो.अपराजिता ओझा ने बताया कि ड्रोन में फसल में लगी बीमारी के चित्र आ जाते हैं। ब्लाक चेन तकनीक से जोड़कर हम कृषि विज्ञानियों से बीमारी के बारे में आनलाइन सुझाव लेते हैं। इसका रिकार्ड भी आनलाइन उपलब्ध होता है ताकि किसान कभी भी इस जानकारी का उपयोग कर सकें। ड्रोन से किसान खरपतवार, कीड़े, रोग और मौसम के उतार-चढ़ाव से होने वाली बीमारियों का उपाय जान सकेंगे।

यह प्रोजेक्ट उच्च शिक्षा मंत्रालय भारत सरकार के डिजाइन नवाचार के अंतर्गत प्राप्त अनुदान राशि से विकसित किया जा रहा है। ट्रिपलआइटी डीएम की छात्रा अर्पणा सिंह ने पाटन के खेतों में इस ड्रोन तकनीकी का उपयोग किया है। प्रो.अपराजिता ओझा ने बताया कि खेतों में ड्रोन से मिली जानकारी मापदंड पर खरी उतरी है। इस शोध कार्य को अधिष्ठाता छात्र कल्याण, प्रोफेसर तनुजा शेवड़े के नेतृत्व एवं कंप्यूटर साइंस के प्रोफेसरों के मार्गदर्शन में पूर्ण किया जा रहा है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here