दो वर्ष पहले ग्रामीण थाना क्षेत्र में आने वाले ग्राम बगदरा खेत में आधा दर्जन लोगों द्वारा बलवा कर एक व्यक्ति की हत्या करने के आरोप में एक ही परिवार के एक व्यक्ति उसकी पत्नी बेटे भाई सहित चार लोगों को आजीवन कारावास से दंडित किया गया। 15 मार्च को यह फैसला विद्वान प्रधान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल की अदालत ने सुनाया । विद्वान अदालत ने इन चार आरोपी जिनमें गणेश पिता भरतलाल नगपुरे 46 वर्ष ,उसके छोटे भाई रमेश पिता भरतलाल नगपुरे 36 वर्ष, बेटे पेडारी उर्फ रवि पिता गणेश नगपुरे 23 वर्ष और पत्नी कला बाई पति गणेश नगपुरे 41 वर्ष को आजीवन कारावास के अलावा 21 हजार रुपए अर्थदंड से भी दंडित किए हैं। विद्वान अदालत ने इस मामले से दो महिला धुरपता बाई पति उदेसिह दमाहे 51 वर्ष, पार्वता उर्फ आशा बाई पति गुलाबचंद बंबूरे 41 वर्ष दोनों ग्राम कोसमी निवासी को मामले में निर्दोष पाते हुए दोषमुक्त की है।
अभियोजन के अनुसार 10 फरवरी के सुबह 8:00 बजे करीब ग्राम बगदरा में रामगोपाल लिल्हारे अपने पिता बसंत लिल्हारे के साथ रबी की धान का पौधा लगाने हेतु जुताई करने के लिए गांव के करण लिल्हारे के ट्रैक्टर किराए से खेत जुताई करने गया था। करण लिल्हारे खेत बंदी की जुताई कर रहा था और राम गोपाल लिल्हारेअपने पिता बसंत लिल्हारे के साथ खेत में खड़े थे। खेत मैं पड़ोसी गणेश रमेश गणेश की पत्नी और दोनों लड़के आए अरे बोलने लगे कि तुम खेत में ट्रैक्टर से क्यों जुताई कर रहे हो यह उनका खेत है। तुमने जबरन फर्जी रजिस्ट्री कराया है। यह कहकर गणेश अपने हाथ में कुल्हाड़ी लेकर आया और बसंत लिल्हारे के सिर और कोहनी के ऊपर जान से खत्म करने की नियत से मारा, रमेश तथा गणेश की पत्नी और उनके दोनों लड़के भी हाथ में डंडा लेकर आए ,उन लोगों के द्वारा बसंत लिल्हारे के पैर कमर और पीठ में मारपीट कर चोट पहुंचाई गई थी गणेश की दोनों बहने धुरपता और पार्वता ने भी बसंत लिल्हारे को हाथ बुकको से मारपीट किये।वारदात में बसंत लिल्हारे गंभीर रूप से घायल हो गया था ।करण लिल्हारे के द्वारा बीच-बचाव करने के बाद गंभीर रूप से घायल बसंत लिल्हारे को 108 एंबुलेंस से जिला अस्पताल बालाघाट लाकर भर्ती किया गया था। जहा उपचार के दौरान बसंत लिल्हारे की मौत हो गई। इस मामले में ग्रामीण थाने में सहायक उप निरीक्षक रामप्रसाद मेश्राम के द्वारा रामगोपाल लिल्हारे के द्वारा की गई रिपोर्ट पर आरोपियों के विरुद्ध धारा 147 148 149 294 307 भादवी के तहत अपराध दर्ज किया गया था बसंत लिल्हारे की मौत के उपरांत मर्ग जांच पर से धारा 302 भादवि का इजाफा किया गया था। और इस अपराध में सभी आरोपियों को गिरफ्तार किया गया ।जिसके पश्चात संपूर्ण विवेचना अनुसंधान करने के बाद अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था यह मामला विद्वान प्रधान सत्र न्यायाधीश दिनेश चंद्र थपलियाल की अदालत में चला। विद्वान अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष उक्त चार आरोपियों के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने मामले की समस्त परिस्थितियों को देते हुए आरोपी गणेश पिता भरत लाल नगपुरे को धारा 148 भादुरी के तहत अपराध में 2 वर्ष की सश्रम कारावास और 2000 रुपये अर्थदंड धारा 302/149 भादवी के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 4000 रुपये अर्थदंड, रमेश पिता भरतलाल नागपुरे को धारा 147 भादवि के तहत अपराध में 1 वर्ष का सश्रम कारावास
और 1000 रुपए अर्थदंड धारा 302/149 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 4000 रुपए अर्थदंड, पेडारी उर्फ रवि पिता गणेश नगपुरे को धारा 147 भादवी के तहत अपराध में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 1000 रुपए अर्थ दंड धारा 302/149 भादवी के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 4000 रुपए अर्थदंड, कला बाई पति गणेश नगपुरे धारा 147 भादवी के तहत अपराध में 1 वर्ष का सश्रम कारावास और 1000 रुपए अर्थदंड धारा 302/149 भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 4000 रुपए अर्थदंड से दंडित किए। इस मामले में शासन की ओर से जिला अभियोजन अधिकारी कपिल कुमार डेहरिया द्वारा पैरवी की गई थी।