सरकार ने अब बटई अधिनियम लागू किया है जिसके तहत अब किसानों को उनकी खेती “अधिया बटई “देने के पूर्व लिखित स्टांप पेपर में एग्रीमेंट कराने को कहा जा रहा है। जहां एग्रीमेंट की एक कॉपी राजस्व में जमा कराने के निर्देश जारी किए गए हैं हालांकि इसके पूर्व भी कई किसान अपनी जमीन अधिया बटई में देते थे लेकिन भूस्वामी और बटईदार के बीच मौखिक रूप से एग्रीमेंट होता था जो आज भी संपूर्ण जिले में किया जा रहा है
लेकिन प्रदेश सरकार ने एक आदेश जारी कर भूस्वामी और बटईदार के बीच लिखित स्टांप पेपर में एग्रीमेंट करने को कहा है जिसे देख लग रहा है कि यह बटई अधीनियम कहीं कांटेक्ट फॉर्मिंग का दूसरा रूप तो नहीं है।
प्रदेश शासन द्वारा संबंधित अधिकारियों को दिए गए निर्देशों के अनुसार अब भूस्वामी को अपनी खेती अधिया बटई पर देने के पूर्व भू स्वामी और बटईदार को मौखिक की जगह लिखित स्टांप पेपर में एग्रीमेंट कराना होगा जिसमें ऑनलाइन वैध स्टांप खरीद कर उसमे दोनों पक्षों के नियम एवं शर्तों का उल्लेख रहेगा वही भूस्वामी और बटईदार के हस्ताक्षर के साथ दोनों पक्षों के गवाहों के हस्ताक्षर कराना अनिवार्य किया गया है जहां भूस्वामी और बटईदार के बीच किया गया एग्रीमेंट 1 वर्ष की अवधी का होगा।
जिसकी 3 कापियां बनानी होगी जहां पहली ओरिजिनल कॉपी भूस्वामी के पास रहेगी वहीं एग्रीमेंट की एक फोटो कॉपी बटईदार अपने पास रखेगा, वही एक फोटो कॉपी राजस्व अधिकारी को दी जाएगी जिसके बाद ही भूस्वामी और बटईदार के बीच किया गया करार वैध माना जाएगा।