बजी प्राथमिक स्कूलों की घण्टियाँ, दर्ज संख्या से काफी कम बच्चे पहुचे स्कूल लम्बे समय बाद बच्चो ने चखा रसोई का स्वाद

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गर्मी की छुट्टियां खत्म होने के बाद अब एक बार फिर से स्कूलों में बच्चों की चहल-पहल दिखाई देना शुरू हो गई है। जहा 1जुलाई से शहर के सभी निजी व सरकारी प्राथमिक स्कूलों ने पढ़ाई शुरू करा दी गई। जहां स्कूल की घंटी बजते ही तमाम सरकारी स्कूलों में पहले की तरह रौनके नजर आने की उम्मीद थी लेकिन शनिवार होने और स्कूल का पहला दिन होने के चलते दर्ज सख्या के मुकाबले सभी स्कुलो में कम बच्चे दिखाई दिए। हालांकि शासन से मिले निर्देशों के मुताबिक प्राथमिक स्कूल तो शुरू कर दिए गए हैं।लेकिन जिले के अभी कई ऐसे स्कूल है जहां स्कूल खोलने को लेकर अब तक पूरी व्यवस्था नहीं हो पाई है। जिस का एक नजारा शनिवार को नगर के डाइट संस्थान औऱ सागौन वन बूढ़ी स्थित स्कूल में देखने को मिला। वहीं अन्य स्कूलों में भी जहां-तहां अव्यवस्थाए नज़र आई।

जगह जगह अव्यवस्थाओ का अंबार
शाशन के निर्देशानुसार आज 1 जुलाई से सभी प्राथमिक सरकारी स्कूल खुले है लेकिन निरीक्षण करने पर सरकारी स्कूलों में जगह जगह समस्याओं का अंबार लगा नजर आ रहा है। जहा किसी स्कूल में कूड़ा-करकट, किसी स्कूल की छत जर्जर तो किसी स्कूल की दीवार धसकी हुई है। कहीं बैठने के लिए टाट-फट्टी, फर्नीचर नहीं, तो कहीं शिक्षकों का अभाव है।सरकारी स्कूलों के ये हालात सरकार की गुणवत्तायुक्त शिक्षा संबंधी योजनाओं और दिखावटी जागरूकता की पोल खोल रहे हैं।

पुरानी बिल्डिंग, छत से टपकता है बारिश का पानी
इस साल भी नौनिहालों को कई साल तक पुराने जीर्ण व जर्जर भवनों में पढ़ाई करनी पड़ेगी। ये वो भवन हैं जो कभी भी दरक सकते हैं। बारिश भी शुरू हो गई है ऐसे में नौनिहालों को खतरे के बीच पढाई करने पर मजबूर होना पड़ेगा। नगर के वार्ड नं 1, सागौन वन बूढ़ी प्राथमिक स्कूल भी उन स्कुलो में एक है जहां छत से पानी टपकने, शौचालय की व्यवस्था ना होने और बाउंड्रीवाल ना होने से रोजाना शाम में असामाजिक तत्वों की शराब पार्टी होने की समस्या से अब तक निजाद नही मिल पाई है।

प्रवेश उत्सव मनाए और भूल गए
अप्रैल से स्कूलों में इस साल प्रवेश उत्सव तो मनाया गया, लेकिन ग्रीष्म अवकाश में स्कूलों की सफाई ,पोताई और मरम्मत करना ही भूल गए। कई स्कूल तो ऐसे हैं कि जहां अभी तक बालिकाओं के लिए शौचालय ही नहीं बना है। स्कूल परिसर पर ही कचरा बिखरा हुआ है। निजी स्कूलों में जहां साफ-सफाई चल रही है। तो वहीं सरकारी स्कूलों में गंदगी पसरी हुई है। नए यूनिफार्म, किताबें, फर्नीचर, बालिकाओं को स्कूल जाने के लिए साइकिल आदि का अभी तक अता-पता नहीं है। बच्चे पुराने, फटे या फिर बगैर यूनिफॉर्म के ही स्कूल जाने के लिए मजबूर है। हालांकि कुछ बच्चो को नई गणवेश, और किताबे मिली है लेकिन बच्चो की दर्ज संख्या में वो काफी कम है।कुल मिलाकर कहा जाए तो अव्यवस्था के बीच स्कूल पुना: शुरू किए गए है।

डाईट में बिजली पंखे शौचालय तक नहीं, स्कूल की शुरू है मरम्मत ,
शासन की मंशा अनुरूप आज 1 जुलाई से प्राथमिक स्कूल खोल दिए गए हैं जहां कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक के बच्चों के पहुंचने का दौर शुरू हो गया है। लेकिन किसी भी स्कूल में दर्ज संख्या के मुताबिक बच्चे स्कूल नहीं पहुंचे।जिसकी असली वजह शनिवार होना और स्कूल का पहला दिन होना बताया जा रहा है मअन्य स्कूलों की तरह डाइट स्कूल में कक्षा पहली से लेकर कक्षा पांचवी तक बच्चों की दर्ज संख्या 300 है, वहीं नए एडमिशन का दौर भी जारी है। लेकिन सत्र के पहले दिन महज 100 बच्चे ही स्कूल में उपस्थित नजर आए। जबकि अन्य बच्चों ने स्कूल पहुंचने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई, वहीं बच्चों के कक्षाओं में बैठने, उठने, रोशनी के लिए लाइट ,गर्मी से बचने के लिए पंखे आदि की व्यवस्था नहीं है। तो कई कक्षाओं में रेत का ढेर पड़ा हुआ है।जहा मरमरत का कार्य जारी है।तो वही टपकती छत से निजाद दिलाने के लिए, टीन शेड को सुधारा जा रहा है। तो वही स्कूल में बच्चों को लघु व दीर्घ शंका के लिए शौचालय तक के इंतजाम नहीं है। बताया जा रहा है कि कई बार व्यवस्था बनाने के लिए उच्च अधिकारियों से पत्र व्यवहार किया गया है लेकिन स्कूल खुलने तक व्यवस्था नहीं बन पाई है और इन्हीं अव्यवस्थाओं के बीच प्राथमिक स्कूल शुरू कर दिया गया है।

बूढ़ी स्कूल में जहां तक पडी है शराब की खाली बोतलें ,शौचालय में उगाई झाड़ियां
वही बात अगर नगर के वार्ड नंबर एक सागौन वन बूढ़ी स्थित शासकीय माध्यमिक शाला बूढ़ी की करें तो यह शाला एक परिसर के तहत प्राथमिक और माध्यमिक स्कूल संयुक्त रूप से लगाया जा रहा जा रहा है। जहां कक्षा पहली से आठवीं तक बच्चों की दर्ज संख्या 164 है लेकिन आज 1 जुलाई को महज 50 बच्चे ही स्कूल पहुंचे ।तो वही कई कक्षाओं में बिजली पंखे की व्यवस्था नहीं है तो वहीं बाउंड्रीवाल ना होने के चलते असामाजिक तत्वों द्वारा शाम को शराब पार्टी कर कक्षाओं के समीप शराब की खाली बोतलें ,डिस्पोजल गिलास, पानी पाउच, चखना नमकीन के खाली पैकेट फेके गए है।वही शौचालय में बड़ी बड़ी झाड़ियां उग आई है जहां लघु शंका के लिए बच्चों का जाना किसी जोखिम से कम नही है।

लंबे समय बाद बच्चों ने चखा रसोई का स्वाद
स्कूल की घंटियां बसते ही स्कूलों में मध्यान्ह भोजन की भी व्यवस्था शुरू हो गई है। जहां स्कूलों में पहुंचने वाले ज्यादातर बच्चों ने लंबे समय बाद शनिवार 1 जुलाई को स्कूल की रसोई का स्वाद चखा। जहां बच्चों ने मध्यान भोजन में पूड़ी के साथ आलू बरबटी की सब्जी का लुत्फ उठाया।

पत्र व्यवहार किया गया है लेकिन नहीं बन पाई व्यवस्था- भूहेश्वर
मामले को लेकर की गई चर्चा के दौरान डाइट प्रधान पाठक जेपी भुहेश्वर ने बताया कि आज स्कूल प्राथमिक स्कूल का पहला दिन है बच्चों में स्कूल आने का काफी रुझान हैम आज 100 बच्चे स्कूल आए हैंम जबकि दर्ज संख्या 300 है।जो बच्चे स्कूल आए हैं उन्हें ड्रेस पुस्तकों का वितरण किया गया है वहीं अन्य व्यवस्थाएं बनाई जा रही है ।उन्होंने बताया कि बिजली की व्यवस्था स्कूल में शुरू से नहीं है वही शौचालय भी नहीं है हमने अधिकारियों से पत्र व्यवहार किया है जल्द ही व्यवस्था बना दी जाएगी।

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