बलात्कार के दो मामलों में दो आरोपी दोषी

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बालाघाट लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम के विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत ने बलात्कार के दो मामले में दो आरोपी को दोषी पाया। विद्वान अदालत ने आरोपी विकास उर्फ विक्की पिता श्याम बंशकार 19 वर्ष वार्ड नंबर 24 इंदिरा नगर बालाघाट निवासी को अलग-अलग धाराओं के तहत आजीवन कारावास और 75 हजार रुपए अर्थदंड और डालेश राव पिता सरजे राव मोरे 21 वर्ष ग्राम हट्टा निवासी को आजीवन कारावास और 20500 रुपए अर्थदंड से दंडित किये।

कोतवाली बालाघाट का मामला

अभियोजन के अनुसार विकास उर्फ विक्की बंशकार के विरुद्ध एक नाबालिग अभियोक्त्रि का अपहरण कर उसके साथ बलात्कार करने का आरोप था। अभियोक्त्रि और अभियुक्त विकाश घटना दिनांक से 2 वर्ष पहले से एक दूसरे को जानते थे। 7 फरवरी 2020 की शाम को अभियुक्त विकास ने अभियोक्त्रि को बहला-फुसलाकर ट्रेन में गोंदिया ले गया और रात्रि 8:00 बजे दोनों बालाघाट वापस आए रात्रि में अभियुक्त विकास ने अभियोक्त्रि को सरेखा में अपने दोस्त के घर रखा। 8 फरवरी को जब अभियुक्त विकास का दोस्त बाहर गया था और उसकी पत्नी घरेलू काम कर रही थी। तभी अभियुक्त विकास ने अभियुक्ति के साथ जबरदस्ती बलात्कार किया और किसी को बताने पर जान से मार डालने की धमकी दी। इस डर के कारण अभियोक्त्रि ने घटना के संबंध में किसी को नहीं बताई। 20 फरवरी 2020 को अभियोक्त्रि ने घटना के संबंध में अपने परिवार वालों को बताई और वह रिपोर्ट करने कोतवाली पहुंची थी ।जहां पर अभियुक्त विकास के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया और इस अपराध में उसे गिरफ्तार करने के बाद अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था ।विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में चलते इस मामले में अभियोजन पक्ष अभियुक्त विकास वंशकार के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा। जिसके परिणाम स्वरूप विद्वान अदालत ने अभियुक्त विकास उर्फ विक्की बंशकार को धारा 363 भादवि के तहत 5 वर्ष की कठोर कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड ,धारा 366ए भादवि के तहत अपराध में 7 वर्ष की कठोर कारावास और 1000 रुपये अर्थदंड, धारा 506 भादवी के तहत अपराध में 1 वर्ष की कठोर कारावास और 500 रुपये अर्थदंड धारा 4 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और 376(3) भादवि के तहत अपराध में आजीवन कारावास और 50 हजार रुपए अर्थदंड से दंडित किये ।

थाना हट्टा का मामला

इसी प्रकार आरोपी डालेश राव ग्राम हट्टा निवासी के विरुद्ध एक नाबालिग अभियोक्त्रि के साथ बलात्कार और उसे जान से मारने की धमकी देने का आरोप था। अभियोक्त्रि के स्कूल आते-जाते समय अभियुक्त डालेश राव के साथ जान पहचान हो गई थी। सन 2019 को अभियुक्त डालेश ने अभियोक्त्रि को फोन करके अपने घर बुलाया और शादी करने का झांसा देकर उसके साथ जबरदस्ती बलात्कार किया था और किसी को बताने पर कुँए में कूदकर आत्महत्या करने और उसकी छोटी बहन को खत्म करने की धमकी दिया था। जिसके बाद वह अभियोक्त्रि का शारीरिक शोषण करने लगा था। जिससे वह गर्भवती हो गई थी। अभियोक्त्रि जब भी डालेश से शादी करने कहती थी तब वह टालमटोल करते रहता था। 2 मई 2019 को अभियुक्त डालेश ने अभियोक्त्रि को अपने घर हट्टा ले गया और वहां उसे रात भर रखने के बाद दूसरे दिन बालाघाट नगर के बूढ़ी सिद्धार्थनगर में किराए के मकान में रखा। जहां अभियुक्त डालेश शादी की बात को लेकर अभियोक्त्रि को मारपीट करते रहता था। 24 मई 2019 को अभियुक्त डालेश ने अभियोक्त्रि को अपनी रिश्तेदारी में शादी में ले गया था। जहां अभियोक्त्रि ने अपनी मां को फोन करके बुलाई थी। अभियोक्त्रि की मां और दादी जब वहां पहुंचे तब अभियुक्त डालेंश वहां से भाग गया। जिसके बाद इस घटना की रिपोर्ट अभियोक्त्रि ने पुलिस थाना हट्टा में की थी। जहां पर डालेंश राव के विरुद्ध अपराध दर्ज किया गया और इस अपराध में उसे गिरफ्तार करने के बाद अभियोग पत्र विद्वान अदालत में पेश किया गया था यह मामला भी विद्वान विशेष न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी की अदालत में चला जहां अभियोजन पक्ष आरोपी डालेश के विरुद्ध आरोपित अपराध सिद्ध करने में सफल रहा । विद्वान अदालत ने आरोपी दालेश राव को धारा 6 लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम और धारा 376(2)एन भादवि के तहत अपराध में दोषी पाते हुए उसे आजीवन कारावास और 20000 रुपये अर्थदंड और धारा 506 भादवी के तहत अपराध में 1 वर्ष का कठोर कारावास और 500 रुपये अर्थदंड से दंडित किए । इस दोनों मामले में शासन की ओर से पैरवी विशेष लोक अभियोजक श्रीमती आरती कपले द्वारा की गई थी।

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