कोविड-19 के संक्रमण की वजह से यात्रियों ने बसों से दूरी बना ली है। यह स्थिति जब है, जब सहालग की बड़ी लग्न हैं। ऐसे समय पर बसों में यात्रियों के लिए पैर रखने की भी जगह नहीं रहती थी, लेकिन वर्तमान में पूरी तरह से बसें खाली हैं। लोगों ने भीड़ वाली जगह से दूरी बना ली है। बसें पांच से दस सवारियां लेकर ही रवाना हो रही हैं। इस स्थिति को देखते हुए आपरेटर एक मई से बसों के बंद करने पर विचार कर रहे हैं। आपरेटरों को सहालग में बरातों से उम्मीद थी, लेकिन लोगों ने बसें बरात में ले जाना भी रद्द कर दिया।
अप्रैल के दूसरे सप्ताह से बसों में यात्रियों की संख्या कम होने लगी थी। काेराेना कर्फ्यू लगने के बाद यह संख्या और घट गई, लेकिन आपरेटरों को सहालग से उम्मीद थी कि बसों में ट्रैफिक बढ़ेगा, क्योंकि लोग शादियों में जाने के लिए निकलेंगे, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बसों में ट्रैफिक बढ़ने की बजाय घट गया। लोग अपने वाहनों से जाना पसंद कर रहे हैं। बस से सफर करने में संक्रमण का खतरा मंडरा रहा है। बस स्टैंडों पर यात्रियों की संख्या न के बराबर रह गई है। बस आपरेटरों का कहना है कि डीजल जेब से डलवाना पड़ रहा है। टायर अलग से घिस रहे हैं। वर्तमान में बस चलाना घाटे का सौदा हो गया है।
बरातें भी नहीं ले जा रहे बसों से
– प्रशासन ने विवाह में लोगों की संख्या सीमित कर दी है। 50 लोग शादी समारोह में रहेंगे। ऐसी स्थिति में लोग बरात में भीड़ नहीं ले जा रहे हैं और चार पहिया वाहन से बरातें जा रही हैं। पूर्व से जिन लोगों की बुकिंग थी, उन्होंने रद्द कर दी है। बस आपरेटर पदम गुप्ता का कहना है कि बड़ी संख्या में बरात की बुकिंग रद्द हुई है।