बालाघाट नगर पालिका के द्वारा चुनाव के समय यह वादा किया गया था कि स्थानीय बस स्टैंड को मॉडल बस स्टैंड की तर्ज पर विकसित किया जाएगा एवं एक सुंदर बस मॉडल स्टैंड बनाया जाएगा किंतु अभी तक मॉडल बस स्टैंड तो नहीं बना पर अव्यवस्थाओं का बोलबाला जरुर नजर आ रहा है
जहां देखो वहां अवस्था ही अव्यवस्था नजर आ रही है, चाहे वह यात्री प्रतीक्षालय की बात करें या, तो फिर बस स्टैंड से लगे दानवीर मुन्ना गार्डन की बात क्यों ना करें, जबकि नगर पालिका के द्वारा यह आश्वासन दिया गया था कि सबसे पहले दानवीर मुन्ना गार्डन को सुसज्जित और सुंदर बनाया जाएगा किंतु अभी तक ऐसा कुछ भी बनता नही दिख रहा है देखने में तो यह आरहा है की यात्री प्रतिक्षालय उठकर दानवीर मुन्ना जी की प्रतिमा के पास उठ कर आ गया हो वहां लगे ट्राफिक पॉइंट भी कभी-कभी ही नजर आते हैं जब हमारे द्वारा बस का जायजा लिया गया तो व्यवस्थित बस स्टैंड कहे या मूलभूत सुविधाओं की बात करें कुछ भी ऐसा प्रतीत नहीं होता है ना ही यहां शुद्ध पेयजल की व्यवस्था है और ना ही यहां पर यात्रियों के लिए बैठने की जगह है वही बात करें साफ सफाई की तो वह भी ना के बराबर ही दिखती देती है जबकि कुछ ही मीटर पर नगरपलिका का ऑफिस है उसके बावजूद भी यहां पर संबंधित अधिकारियों द्वारा ध्यान नहीं दिया जाता है और ना ही बस स्टैंड को मॉडल बस स्टैंड बनाने के लिए कोई प्रयास किए जा रहे हैं
पीने के पानी की व्यवस्था नहीं है
यदि कोई राहगीर बस स्टैंड में शुद पानी पीना चाहे तो यहाँ शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं की गई है और न ही रात्रि में लाइट की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है जबकि यात्री प्रतीक्षालय के सामने यदि कोई रात में बैठना चाहे तो वह वहां बैठ नहीं सकता
शाम होते ही यात्री प्रतीक्षालय के सामने लगने लगती है दुकाने
कुछ दिनों से यह देखने को मिल रहा है कि यात्री प्रतिकलय के सामने शाम होते ही ठेला लग जाता है और यात्री प्रतिक्षालय मैं असामाजिक तत्वों के द्वारा बैठकर शराब पी जाती है और यह सिलसिला रात्रि 12:00 बजे तक चलते रहता है यदि उस समय किसी महिला यात्री या किसी दूर से आए हुए राहगीर को रुकना है तो उसे इन असामाजिक तत्वों का सामना करना पड़ता है जिसके चलते वहां यहां पर नहीं रुकते और ना ही वहां जाना पसंद करते हैं और पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नही होने के कारण यहां पर असामाजिक तत्वों के द्वारा इसका फायदा उठाते हुए यहां पर हुड़दंग करते नजर आते हैं
मुलना जी की प्रतिमा के सामने लगता है मिनी यात्री प्रतिक्षालय
आपको बता दें कि जैसे ही कोई भी यात्री बस स्टैंड में आता है तो उसे यात्री प्रतीक्षालय की व्यवस्थाओं को देखते हुये उसे वहा बैठना पसंद नहीं करता और वहां दानवीर मुलना जी की प्रतिमा के पास अपने वाहन को खड़ा करके वहीं पर वह खड़ा हो जाता है देखा जाए तो यहां पर दुर्घटना होने की भी सम्भावना बनी रहती हैं लेकिन व्यवस्थाएं ना होने के कारण कुछ लोग यहां पर मजबूर हो कर यहाँ खड़े होते हैं एवं वाहन को भी यहां पर खड़ा कर देते हैं जिससे अवस्था तो होती है पर उन्हें कुछ देर खड़े रहने के लिए समय मिल जाता है
पूर्व में की गई थी मुलना गार्डन को व्यवस्थित करने की कवायद
आपको बता दें कि नगर पालिका के द्वारा बीते दिन मुलना गार्डन को व्यवस्थित करने के लिए इसके पास से अतिक्रमण हटाया गया था एवं कुछ अतिक्रमणकारियों को यहां से अन्यत्र स्थान भेजा गया था किंतु जब इस गार्डन में नगर पालिका की ओर से कोई भी निर्माण काम नहीं किया गया तो फिर से अतिक्रमणकारियों के द्वारा पुनः वहीं पर अपनी दुकानें लगाकर फिर से गार्डन को उसी स्थिति में बना दिया गया और अब यह पूर्ण तरह दुकानवालों के द्वारा इस गार्डन को कचरे रखने का घर बना दिया गया है
पर्याप्त नहीं है पुलिस बल
बीच-बीच में समाचार पत्रों के माध्यम पर यहां पढ़ने को जरूर मिलता है कि बस स्टैंड में पुलिस बल की व्यवस्था की जानी चाहिए किंतु यह केवल औपचारिकता मात्र में ही सिमट कर रह जाता है देखा जाए तो आए दिन बस स्टैंड में यात्रियों के बैग से उनके जेवरात लूटने की घटना हो या तो बस स्टैंड में चोरी जैसी वारदातें आए दिन घटती ही रहती है किंतु अभी तक इस विषय पर किसी के द्वारा संज्ञान नहीं लिया गया है और ना ही यहां पर पर्याप्त व्यवस्था में पुलिस व्यवस्था की गई है कि यदि किसी के साथ कोई घटना यदि घट जाती है तो वहां वहीं पर अपनी शिकायत दर्ज करा सके और ना ही रात्रि में पुलिस यहा कोई भी पुलिस कर्मी यह रहता है इसी के चलते बीते दिन यात्री प्रतिक्षालय बस एजेंटों के द्वारा मारपीट को लेकर घटना घटी और बाद में पुलिस के द्वारा इसमें दोनों पक्षों पर मामला कायम किया गया था यदि समय रहते ही यहां पर पर्याप्त पुलिस बल लगा दिया जाता है तो ऐसी घटना की पुनरावृत्ति नहीं होगी