भाई-बहन के पवित्र रिश्ते और स्नेह का प्रतीक महापर्व रक्षाबंधन इस वर्ष दो तिथियों में मनाया जा रहा है परन्तु अधिकांश हिन्दु धर्मालंबियों के द्वारा ३० अगस्त को भद्राकाल को छोडक़र शुभ मुहूर्त में रक्षाबंधन का पर्व धार्मिक आस्थाओं के साथ धूमधाम से मनाया गया एवं कुछ लोग ३१ अगस्त को भी रक्षाबंधन का पर्व मनायेगें। रक्षाबंधन पर्व पर राखी व मिठाई की दुकानों में बहनों व भाइयों की भारी भीड़ नजर आई एवं दिन भर बाजार में लोगों की आवाजाही के कारण चहल पहल बनी रही। सावन माह के अंतिम दिन रक्षाबंधन पर्व मनाया जाता है परन्तु ३० अगस्त को हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रात: ९.५३ बजे से भद्रा लग जाने के कारण बहनों ने शुभ मुहूर्त पर भाईयों को कुमकुम चंदन का तिलक लगाकर रक्षासूत्र बांधा एवं उनके दीर्घायु जीवन की कामना की तत्पश्चात मुंह मीठा करते हुए भाईयों की आरती उतारी, भाइयों ने भी अपनी बहनों को यथाशक्ति उपहार भेंट किये व आर्शीवाद देते हुए सदैव रक्षा करने का वचन दिया। इस भाई-बहन के अटूट प्रेम का महापर्व में सबसे ज्यादा उत्साह छोटे बच्चों में देखने में आया जिन्होने रंग बिरंगी राखियों से अपनी कलाइयों को सजवाया साथ ही रक्षाबंधन की पूर्व रात्रि में बहनों व महिलाओं ने अपने हाथों को मेंहदी से भी सजाया। आपकों बता दे कि रक्षाबंधन पर्व के दिन ३० अगस्त को भद्राकाल लग जाने के कारण इस वर्ष दो तिथि में रक्षाबंधन पर्व मनाया जा रहा है जिसमें हिन्दु कैलेण्डर के अनुसार प्रात: ९.५३ बजे से रात ८.३७ बजे तक एवं बनारस पंचांग व श्री मनकामेश्वर शिव मंदिर मानपुर-लालबर्रा के पं. विमल मिश्रा के अनुसार प्रात: ११.१७ बजे से रात ८.५७ बजे तक के अनुसार भद्रा रहा जिसके बाद ३१ अगस्त को प्रात: ७.४६ बजे तक रक्षाबंधन के लिए शुभ मुहूर्त है। इस तरह बहने अपने भाईयों के कलाईयों में ३० व ३१ अगस्त को शुभ मुहूर्त पर रक्षासूत्र बांध सकती है।
जाम और भीड़ से परेशान हुए भाई-बहन
रक्षाबंधन पर्व पर सुबह से ही लालबर्रा मुख्यालय के विश्राम गृह से लेकर थाना तक आने-जाने वाले लोगों की भीड़ एवं बड़े वाहनों के गुजरने के कारण बार-बार जाम की स्थिति भी निर्मित होते रही। जिससे एक-दुसरे के घर जाने वाले भाई-बहनों को परेशान भी होना पड़ा। रक्षाबंधन पर्व मनाने हेतु दिन भर मुख्य मार्ग सहित ग्रामीण क्षेत्रों में भाई अपनी बहनों को मोटरसाइकिलों में लाते-ले जाते नजर आये एवं चारों ओर टीका लगाये हुए लोगों के कारण माहौल धार्मिक होता रहा, बहनों ने अपने भाईयों के साथ मार्केट में पहुंचकर श्रंृगार सामग्री, मेहंदी व चूड़ी सहित तमाम तरह की वस्तुओं की खरीददारी भी की।
बसों में भीड़, राखियों की दुकान व बाजार रहा गुलजार
भाई-बहनों के अटूट प्रेम का महापर्व रक्षाबंधन पर्व को लेकर बुधवार को सुबह से ही बसों में भीड़ रहने के साथ ही राखियों की दुकान व बाजार गुलजार रहे। साथ ही सुबह से ही बस स्टैण्ड में महिलाओं की भीड़ एकत्रित होनी शुरू हो गई थी साथ ही बसों में भीड़ रहने के बाद भी वे भाईयों के घर जल्दी पहुंचने के चक्कर में बसों व ऑटों में बैठकर जाने के लिए तैयार हो गये। साथ ही बस चालक व कंडेक्टर ने भी क्षमता से अधिक सवारी लिये जिससे यात्रियों को भी कुछ परेशानियों का सामना करना पड़ा परन्तु वे भी किसी प्रकार का विरोध करते नजर नही आये क्योंकि उन्हे भी अपने गंतव्य की ओर जाना जरूरी था। पर्व के मद्देनजर सभी बसें ठसाठस यात्रियों से भरी नजर आई और उनके आने-जाने का समय भी परिवर्तित होने के कारण महिलाओं को कुछ परेशानियों का भी सामना करना पड़ा।